तब उनके पिता इस्राएल ने कहा, “यदि यह सचमुच सही है तो बिन्यामीन को अपने साथ ले जाओ। किन्तु प्रशासक के लिए कुछ भेंट ले जाओ। उन चीजों में से कुछ ले जाओ जो हम लोग अपने देश में इकट्ठा कर सके हैं। उसके लिए कुछ शहद, पिस्ते, बादाम, गोंद और लोबान ले जाओ।
मिद्यान और एपा देशों के ऊँटों के झुण्ड तेरी धरती को ढक लेंगे। शिबा के देश से ऊँटों की लम्बी पंक्तियाँ तेरे यहाँ आयेंगी। वे सोना और सुगन्ध लायेंगे। लोग यहोवा के प्रशंसा के गीत गायेंगे।
“यरूशलेम में शोर ऐसा सुनाई पड़ता था मानों दावत उड़ाने वाले लोगों का हो। दावत में बहुत लोग आये। लोग जब मरुभूमि से आते थे तो पहले से पी रहे होते थे। वे स्त्रियों को बाजूबन्द और सुन्दर मुकुट देते थे।
तुम एदेन में थे परमेश्वर के उद्यान में तुम्हारे पास हर एक बहुमूल्य रत्न थे— लाल, पुखराज, हीरे, फिरोजा, गोमेद और जस्पर नीलम, हरितमणि और नीलमणि और ये हर एक रत्न सोने में जड़े थे। तुमको यह सौन्दर्य प्रदान किया गया था जिस दिन तुम्हारा जन्म हुआ था। परमेश्वर ने तुम्हें शक्तिशाली बनाया।
“शबा, ददान और तर्शीश के व्यापारी और सभी नगर जिनके साथ वे व्यापार करते हैं, तुमसे पूछेंगे, ‘क्या तुम कीमती चीजों पर अधिकार करने आये हो क्या तुम अपने सैनिकों के समूहों के साथ, उन अच्छी चीजों को हड़पने और चाँदी, सोना मवेशी तथा सम्पत्ति ले जाने आए थे? क्या तुम उन सभी कीमती चीजों को लेने आये थे?’”