“मनुष्य के पुत्र, काँसा, लोहा, सीसा और टीन चाँदी की तुलना में बेकार हैं। कारीगर चाँदी को शुद्ध करने के लिये आग में डालते हैं। चाँदी गल जाती है और कारीगर इसे कचरे से अलग करता है। इस्राएल राष्ट्र उस बेकार कचरे की तरह हो गया है।
कारीगर चाँदी, काँसा, लोहा, सीसा और टीन को आग में डालते हैं। वे आग को अधिक गर्म करने के लिये फूँकते हैं। तब धातुओं का गलना आरम्भ हो जाता है। इसी प्रकार मैं तुम्हें अपनी आग में डालूँगा और तुम्हें पिघलाऊँगा। वह आग मेरा गरम क्रोध है।
लोगों की उनकी अपनी योजनाएँ हैं किन्तु उन्हें ऐसी उन बातों का पता नहीं जिनके विषय में यहोवा योजना बना रहा है। यहोवा उन लोगों को किसी विशेष प्रयोजन के लिये यहाँ लाया। वे लोग वैसे कुचल दिये जायेंगे जैसे खलिहान में अनाज की पूलियाँ कुचली जाती हैं।
जब तक फसल पके दोनों को साथ-साथ बढने दो, फिर कटाई के समय में फसल काटने वालों से कहूँगा कि पहले खरपतवार की पुलियाँ बना कर उन्हें जला दो, और फिर गेहूँ को बटोर कर मेरे खते में रख दो।’”