मेरा स्वामी यहोवा यह सन्देश देता है, “पगड़ी उतारो! मुकुट उतारो! परिवर्तन का समय आ पहुँचा है! महत्वपूर्ण प्रमुख नीचे लाए जाएंगे और जो लोग महत्वपूर्ण नहीं है, वे महत्वपूर्ण बनेंगे।
बाद में राजा एवील्मरोदक यहूदा का राजा बना। उसने यहोयाकीन को बन्दीगृह से निकलने दिया। यह यहूदा के राजा यहोयाकीन के बन्दी बनाये जाने के सैंतीसवे वर्ष में हुआ। यह एवील्मरोदक के शासन आरम्भ करने के बारहवें महीने के सत्ताईसवें दिन हुआ।
परमेश्वर न्याय करता है। परमेश्वर इसका निर्णय करता है कि कौन व्यक्ति महान होगा। परमेश्वर ही किसी व्यक्ति को महत्वपूर्ण पद पर बिठाता है। और किसी दूसरे को निची दशा में पहुँचाता है।
जादू और टोने को सीखने में तूने कठिन श्रम करते हुए जीवन बिता दिया। सो अब अपने जादू और टोने को चला। सम्भव है, टोने—टोटके तुझको बचा ले। सम्भव है, उनसे तू किसी को डरा दे।
तब अन्य वृक्ष उसे जानेंगे कि मैं ऊँचे वृक्षों को भूमि पर गिराता हूँ। और मैं छोटे वृक्षों को बढ़ाता और उन्हें लम्बा बनाता हूँ। मैं हरे वृक्षों को सुखा देता हूँ। और मैं सूखे वृक्षों को हरा करता हूँ। मैं यहोवा हूँ। यदि मैं कहूँगा कि मैं कुछ करुँगा तो मैं उसे अवश्य करूँगा!”