यहेजकेल 20:5पवित्र बाइबलतुम्हें उनसे कहना चाहिए, ‘मेरा स्वामी यहोवा यह कहता है: जिस दिन मैंने इस्राएल को चुना, मैंने अपना हाथ याकूब के परिवार के ऊपर उठाया और मैंने मिस्र देश में उनसे एक प्रतिज्ञा की। मैंने अपना हाथ उठाया और कहा: “मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ।” अध्याय देखें |
“यहोवा ने यह भी कहा, ‘जाओ और इस्राएल के बुजुर्गों (नेताओं) को इकट्ठा करो और उनसे कहो, तुम्हारे, पूर्वजों का परमेश्वर यहोवा, मेरे सामने प्रकट हुआ। इब्राहीम, इसहाक और याकूब के परमेश्वर ने मुझसे बातें कीं।’ यहोवा ने कहा है: ‘मैंने तुम लोगों के बारे में सोचा है और उस सबके बारे में भी जो तुम लोगों के साथ मिस्र में घटित हुआ है।
मेरा स्वामी यहोवा कहता है, “तुम मेरे लोगों के प्रति ईर्ष्यालु थे। तुम उन पर क्रोधित थे और तुम मुझसे घृणा करते थे। अत: अपने जीवन की शपथ खाकर मैं प्रतिज्ञा करता हूँ कि मैं तुम्हें वैसे ही दण्डित करूँगा जैसे तुमने उन्हें चोट पहुँचाई। मैं तुझे दण्ड दूँगा और अपने लोगों को समझने दूँगा कि मैं उनके साथ हूँ।
वह व्यक्ति जिसने सन के वस्त्र धारण किये हुए थे और जो नदी के जल के बहाव के विरूद्ध खड़ा हुआ था, उसने अपना दाहिना और बायां—दोनों हाथ आकाश की ओर उठाये। मैंने उस व्यक्ति को अमर परमेश्वर के नाम का प्रयोग करके एक शपथ बोलते हुए सुना। उसने कहा, “यह साढ़े तीन साल तक घटेगा। पवित्र जन की शक्ति टूट जायेगी और फिर ये सभी बाते अंतिम रूप से समाप्त हो जाएँगी।”
क्या ऐसी घटना किसी के साथ घटित हुई है? नहीं! और क्या किसी दूसरे ईश्वर ने कभी किसी दूसरे राष्ट्रों के भीतर जाकर स्वयं वहाँ से लोगों को बाहर लाने का प्रयत्न किया है? नहीं! किन्तु तुमने स्वयं यहोवा अपने परमेश्वर को, इन अद्भुत कार्यों को करते देखा है। उसने अपनी शक्ति और दृढ़ता को दिखाया। तुमने उन विपत्तियों को देखा जो लोगों के लिए परीक्षा थीं। तुम लोगों ने चमत्कार और आश्चर्य देखे। तुम लोगों ने युद्ध और जो भंयकर घटनाएँ हुईं, उन्हें देखा।