यहेजकेल 17:22पवित्र बाइबलमेरे स्वामी यहोवा ने ये बातें कही थीं: “मैं लम्बें देवदार के वृक्ष से एक शाखा लूँगा। मैं वृक्ष की चोटी से एक छोटी शाखा लूँगा। और मैं स्वयं उसे बहुत ऊँचे पर्वत पर बोऊँगा। अध्याय देखें |
मेरा स्वामी यहोवा कहता है, “लोगों को मेरी सेवा के लिये मेरे पवित्र—इस्राएल के ऊँचे पर्वत पर आना चाहिए! इस्राएल का सारा परिवार अपनी भूमि पर होगा वे वहाँ अपने देश में होंगे। यह वह ही स्थान है जहाँ तुम आ सकते हो और मेरी सलाह मांग सकते हो और तुम्हें उस स्थान पर मुझे अपनी भेंट चढ़ाने आना चाहिये। तुम्हें अपनी फसल का पहला भाग वहाँ उस स्थान पर लाना चाहिये। तुम्हें अपनी सभी पवित्र भेंटें वहीं लानी चाहिये।
फिर तत्काल ही लोहा, मिट्टी, काँसा, चाँदी और सोना सब चूर—चूर हो गया और वह चूरा गर्मियों के दिनों में खलिहान के भूसे जैसा हो गया। उन टुकड़ों को हवा उड़ा ले गयी। वहाँ कुछ भी तो नही बचा। कोई यह कह ही नहीं सकता था कि वहाँ कभी कोई मूर्ति थी भी। फिर वह चट्टान जो उस मूर्ति से टकराई थी, एक विशाल पर्वत के रूप में बदल गयी और सारी धरती पर छा गयी।”