“उन लोगों से कहो कि तुम्हारा स्वामी यहोवा तुम्हारी इस कहावत का पढ़ना बन्द कर देगा। वे इस्राएल के बारे में वे बातें कभी भी नहीं कहेंगे। अब वे यह कहावत सुनाएंगे: ‘विपत्ति शीघ्र आएगी। दर्शन घटित होंगे।’
अब तुम्हें इन बातों का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए। यदि तुम ऐसा करोगे तो तुम्हारे बन्धन की रस्सियाँ और अधिक कस जायेंगी। सर्वशक्तिमान यहोवा ने इस समूचे प्रदेश को नष्ट करने की ठान ली है। जो शब्द मैंने सुने थे, अटल हैं। सो वे बातें अवश्य घटित होंगी।
क्यों क्योंकि मैं यहोवा हूँ। मैं वही कहूँगा, जो मैं कहना चाहूँगा और वह चीज घटित होगी और मैं घटना—काल को लम्बा खींचने नहीं दूँगा। वे विपत्तियाँ शीघ्र आ रही हैं। तुम्हारे अपने जीवनकाल में ही। विद्रोही लोगों! जब मैं कुछ कहता हूँ तो मैं उसे घटित करता हूँ।” मेरे स्वामी यहोवा ने उन बातों को कहा।
सिय्योन पर नरसिंगा फूँको। मेरे पवित्र पर्वत पर चेतावनी सुनाओ। उन सभी लोगों को जो इस धरती पर रहते हैं, तुम भय से कँपा दो। यहोवा का विशेष दिन आ रहा है। यहोवा का विशेष दिन पास ही आ पहुँचा है।
यहोवा के न्याय का विशेष दिन शीघ्र आ रहा है! वह दिन निकट है, और तेज़ी से आ रहा है। यहोवा के न्याय के विशेष दिन लोग चीखों भरे स्वर सुनेंगे। यहाँ तक कि वीर योद्धा भी चीख उठेंगे!
“न्याय का समय आ रहा है। यह गर्म भट्टी —सा होगा। वे सभी गर्वीलें व्यक्ति दण्डित होंगे। वे सभी पापी लोग सूखी घास की तरह जलेंगे। उस समय वे आग में ऐसी जलती झाड़ी—से होंगे जिसकी कोई शाखा याजड़ बची नहीं रहेगी।” सर्वशक्तिमान यहोवा ने यह सब कहा।