(करुब स्वर्गदूतों के पंखों के नीचे कुछ ऐसा था जो मनुष्य की भुजाओं की तरह दिखता था।)
वहाँ वेदी पर आग जल रही थी। उन साराप (स्वर्गदूतों) में से एक ने उस आग में से चिमटे से एक दहकता हुआ कोयला उठा लिया और
उनके पंखों के नीचे मानवी हाथ थे। वहाँ चार प्राणी थे और हर एक प्राणी के चार मुख और चार पंख थे।
हर एक प्राणी के चार मुख थे, चार पंख थे और पंखों के नीचे कुछ ऐसा था जो मनुष्य की भुजाओं की तरह दिखता था।
करुब (स्वर्गदूतों) में से एक ने अपना हाथ बढ़ाया और करुब (स्वर्गदूतों) के क्षेत्र के बीच से कुछ अंगारे लिये। उसने अंगारों को उस व्यक्ति के हाथों में रख दिया और वह व्यक्ति वहाँ से चला गया।
तब मैंने देखा कि वहाँ चार गोल चक्र थे। हर एक करुब (स्वर्गदूत) की बगल में एक चक्र था, और चक्र स्वच्छ पीले रत्न की तरह दिखते थे।