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क्रॉस रेफरेंस
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यहूदा 1:12

पवित्र बाइबल

ये लोग तुम्हारे प्रीति-भोजों में उन छुपी हुई चट्टानों के समान हैं जो घातक हैं। ये लोग निर्भयता के साथ तुम्हारे संग खाते-पीते हैं किन्तु उन्हें केवल अपने स्वार्थ की ही चिंता रहती है। वे बिना जल के बादल हैं। वे पतझड़ के ऐसे पेड़ हैं जिन पर फल नहीं होता। वे दोहरे मरे हुए हैं। उन्हें उखाड़ा जा चुका है।

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35 क्रॉस रेफरेंस  

तब मैं इस्राएल के लोगों को अपने उस देश से बाहर करूँगा जिसे मैंने उन्हें दिया है। मैं इस मन्दिर को अपनी आँखों से दूर कर दूँगा। जिसे मैंने अपने नाम के लिये पवित्र बनाया है। मैं इस मन्दिर को ऐसा कुछ बनाऊँगा कि सभी राष्ट्र इसकी बुराई करेंगे।

वह पत्थर के टीले के चारों ओर अपनी जड़े फैलाता है और चट्टान में उगने के लिये कोई स्थान ढूँढता है।

इससे वह मनुष्य उस वृक्ष जैसा सुदृढ़ बनता है जिसको जलधार के किनारे रोपा गया है। वह उस वृक्ष समान है, जो उचित समय में फलता और जिसके पत्ते कभी मुरझाते नहीं। वह जो भी करता है सफल ही होता है।

दुर्जन मनुष्य घास और हरे पौधों की तरह शीघ्र पीले पड़ जाते हैं और मर जाते हैं।

वह मनुष्य वर्षा रहित पवन और रीतें मेघों सा होता है, जो बड़ी—बड़ी कोरी बातें देने की बनाता है; किन्तु नहीं देता है।

मेरे स्वामी यहोवा ने ये बातें कही, “क्या तुम समझते हो कि बेल सफल होगी? नहीं! नया उकाब बेल को जमीन से उखाड़ देगा। और पक्षी बेल की जड़ों को तोड़ देगा। वह सारे अंगूर खा जाएगा। तब नयी पत्तियाँ सूखेंगी और मर जाएंगी। वह बेल बहुत कमजोर होगी। इस बेल को जड़ से उखाड़ने के लिये शक्तिशाली अस्त्र—शस्त्र या शक्तिशाली राष्ट्र की जरूरत नहीं होगी।

यहोवा कहता है, “मैं उन गड़ेरियों के विरुद्ध हूँ! मैं उनसे अपनी भेड़ें मागूँगा! मैं उन पर आक्रमण करूँगा! वे भविष्य में मेरे गड़ेरिये नहीं रहेंगे! तब गड़ेरिये अपना पेट भी नहीं भर पाएंगे। मैं उनके मुख से अपनी रेवड़ को बचाऊँगा। तब मेरी भेड़ें उनका भोजन नहीं होंगी।”

तुम अच्छी भूमि पर उगी घास खा सकते हो। अत: तुम उस घास को क्यों कुचलते हो जिसे दूसरी भेड़ें खाना चाहती हैं। तुम पर्याप्त स्वच्छ जल पी सकते हो। अत: तुम उस जल को हिलाकर गन्दा क्यों करते हो, जिसे अन्य भेड़ें पीना चाहती हैं।

“मनुष्य के पुत्र, मेरे लिए इस्राएल के गड़ेरियों (प्रमुखों) के विरुद्ध बातें करो। उनसे मेरे लिये बातें करो। उनसे कहो कि स्वामी यहोवा यह कहता है: ‘इस्राएल के गड़ेरियों (प्रमुखों) तुम केवल अपना पेट भर रहे हो। यह तुम्हारे लिये बहुत बुरा होगा। तुम गड़ेरियों, रेवड़ों का पेट क्यों नहीं भरते

“मैं अपनी जीवन की शपथ खाकर तुम्हें यह विश्वास दिलाता हूँ। जंगली जानवरों ने मेरी भेड़ों को पकड़ा। हाँ, मेरी रेवड़ सभी जंगली जानवरों का भोजन बन गई। क्यों क्योंकि उनका कोई ठीक गड़ेरिया नहीं था। मेरे गड़ेरियों ने मेरे रेवड़ की खोज नहीं की। उन गड़ेरियों ने भेड़ों को केवल मारा और स्वयं खाया। उन्होंने मेरी रेवड़ का पेट नहीं भरा।”

हे एप्रैम, तुम ही बताओ कि मैं (यहोवा) तुम्हारे साथ क्या करूँ? हे यहूदा, तुम्हारे साथ मुझे क्या करना चाहिये? तुम्हारी आस्था भोर की धुंध सी है। तुम्हारी आस्था उस ओस की बूँद सी है जो सुबह होते ही कही चली जाती है।

“सम्भव है कोई व्यक्ति पुराने पत्थरों और लेप को निकाल कर नेये पत्थरों और लेप को लगाए और सम्भव है वह फफूँदी उस घर में फिर प्रकट हो।

इसलिये जब सूरज चढ़ा तो वे पौधे झुलस गये। और क्योंकि उन्होंने ज्यादा जड़ें तो पकड़ी नहीं थीं इसलिये वे सूख कर गिर गये।

यीशु ने उत्तर दिया, “हर वह पौधा जिसे मेरे स्वर्ग में स्थित पिता की ओर से नहीं लगाया गया है, उखाड़ दिया जायेगा।

और जब सूरज उगा तो वे झुलस गये और जड़ न पकड़ पाने के कारण मुरझा गये।

“किन्तु यदि वह सेवक अपने मन में यह कहे कि मेरा स्वामी तो आने में बहुत देर कर रहा है और वह दूसरे पुरुष और स्त्री सेवकों को मारना पीटना आरम्भ कर दे तथा खाने-पीने और मदमस्त होने लगे

“अब देखो, एक व्यक्ति था जो बहुत धनी था। वह बैंगनी रंग के उत्तम मलमल के वस्त्र पहनता था और हर दिन विलासिता के जीवन का आनन्द लेता था।

“अपना ध्यान रखो, ताकि तुम्हारे मन कहीं डट कर पीने पिलाने और सांसारिक चिंताओं से जड़ न हो जायें। और वह दिन एक फंदे की तरह तुम पर अचानक न आ पड़े।

कुछ बीज चट्टानी धरती पर गिरे, वे जब उगे तो नमी के बिना मुरझा गये।

ताकि हम ऐसे बच्चे ही न बने रहें जो हर किसी ऐसी नयी शिक्षा की हवा से उछाले जायें, जो हमारे रास्ते में बहती है, लोगों के छलपूर्ण व्यवहार से, ऐसी धूर्तता से, जो ठगी से भरी योजनाओं को प्रेरित करती है, इधर-उधर भटका दिये जाते हैं।

उनका नाश उनकी नियति है। उनका पेट ही उनका ईश्वर है। और जिस पर उन्हें लजाना चाहिए, उस पर वे गर्व करते हैं। उन्हें बस भौतिक वस्तुओं की चिंता है।

किन्तु विषय भोग की दास विधवा जीते जी मरे हुए के समान है।

हर प्रकार की विचित्र शिक्षाओं से भरमाये मत जाओ। तुम्हारे मनों के लिए यह अच्छा है कि वे अनुग्रह के द्वारा सुदृढ़ बने न कि खाने पीने सम्बन्धी नियमों को मानने से, जिनसे उनका कभी कोई भला नहीं हुआ, जिन्होंने उन्हें माना।

धरती पर तुमने विलासपूर्ण जीवन जीया है और अपने आपको भोग-विलासों में डुबोये रखा है। इस प्रकार तुमने अपने आपको वध किए जाने के दिन के लिए पाल-पोसकर हृष्ट-पुष्ट कर लिया है।




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