यशायाह 56:7पवित्र बाइबलमैं उन लोगों को अपने पवित्र पर्वत पर लाऊँगा। अपने प्रार्थना भवन में मैं उन्हें आनन्द से भर दूँगा। वे जो भेंट और बलियाँ मुझे अर्पित करेंगे, मैं उनसे प्रसन्न होऊँगा। क्यों क्योंकि मेरा मन्दिर सभी जातियों का प्रार्थना का गृह कहलायेगा।” अध्याय देखें |
जब तुझको सहारा चाहिये तो तू उन झूठे देवों को जिन्हें तूने अपने चारों ओर जुटाया है, क्यों नहीं पुकारता है। किन्तु मैं तुझको बताता हूँ कि उन सब को आँधी उड़ा देगी। हवा का एक झोंका उन्हें तुम से छीन ले जायेगा। किन्तु वह व्यक्ति जो मेरे सहारे है, धरती को पायेगा। ऐसा ही व्यक्ति मेरे पवित्र पर्वत को पायेगा।”
यहोवा मुझको अति प्रसन्न करता है। मेरा सम्पूर्ण व्यक्तित्व परमेश्वर में स्थिर है और प्रसन्नता में मगन है। यहोवा ने उद्धार के वस्त्र से मुझको ढक लिया। वे वस्त्र ऐसे ही भव्य हैं जैसे भव्य वस्त्र कोई पुरूष अपने विवाह के अवसर पर पहनता है। यहोवा ने मुझे नेकी के चोगे से ढक लिया है। यह चोगा वैसा ही सुन्दर है जैसा सुन्दर किसी नारी का विवाह वस्त्र होता है।
मेरा स्वामी यहोवा कहता है, “लोगों को मेरी सेवा के लिये मेरे पवित्र—इस्राएल के ऊँचे पर्वत पर आना चाहिए! इस्राएल का सारा परिवार अपनी भूमि पर होगा वे वहाँ अपने देश में होंगे। यह वह ही स्थान है जहाँ तुम आ सकते हो और मेरी सलाह मांग सकते हो और तुम्हें उस स्थान पर मुझे अपनी भेंट चढ़ाने आना चाहिये। तुम्हें अपनी फसल का पहला भाग वहाँ उस स्थान पर लाना चाहिये। तुम्हें अपनी सभी पवित्र भेंटें वहीं लानी चाहिये।