“यह पवित्र दिन तुम लोगों को याद रखने में सहायता करेगा अर्थात् तुम लोगों के हाथ पर बंधे धागे का काम करेगा। यह पवित्र दिन यहोवा के उपदेशों को याद करने में तुमको सहायता करेगा। तुम्हें यह याद दिलाने में सहायता करेगा कि यहोवा ने तुम लोगों को मिस्र से बाहर निकालने के लिए अपनी महान शक्ति का उपयोग किया।
अपने हृदय पर तू मुद्रा सा धर। जैसी मुद्रा तेरी बाँह पर है। क्योंकि प्रेम भी उतना ही सबल है जितनी मृत्यु सबल है। भावना इतनी तीव्र है जितनी कब्र होती है। इसकी धदक धधकती हुई लपटों सी होती है!
तेरे देश में हिंसा और तेरी सीमाओं में तबाही और बरबादी कभी नहीं सुनाई पड़ेगी। तेरे देश में लोग फिर कभी तेरी वस्तुएँ नहीं चुरायेंगे। तू अपने परकोटों का नाम ‘उद्धार’ रखेगा और तू अपने द्वारों का नाम ‘स्तुति’ रखेगा।
यरूशलेम की चारदीवारी मैंने रखवाले (नबी) बैठा दिये हैं कि उसका ध्यान रखें। ये रखवाले मूक नहीं रहेंगे। यह रखवाले यहोवा को तुम्हारी जरूरतों की याद दिलाते हैं। हे रखवालों, तुम्हें चुप नहीं होना चाहिये। तुमको यहोवा से प्रार्थना करना बन्द नहीं करना चाहिये। तुमको सदा उसकी प्रार्थना करते ही रहना चाहिये।
“यहूदा के लोगों का पाप वहाँ लिखा है जहाँ से उसे मिटाया नहीं जा सकता। वे पाप लोहे की कलम से पत्थरों पर लिखे गये थे। उनके पाप हीरे की नोकवाली कलम से लिखे गए थे, और वह पत्थर उनका हृदय है। वे पाप उनकी वेदी के सींगों के बीच काटे गए थे।
यह सन्देश यहोवा का है, “मैं निश्चय ही शाश्वत हूँ अत: यहोयाकीम के पुत्र यहूदा के राजा कोन्याह मैं तुम्हारे साथ ऐसा करुँगा। चाहे तुम मेरे दायें हाथ की राजमुद्रा ही क्यों न हो, मैं तुम्हें तब भी बाहर फेकूँगा।
सर्वशक्तिमान यहोवा कहता है, ‘मैं उस दिन शालतीएल के पुत्र, अपने सेवक, जरुब्बाबेल को लूंगा।’ यहोवा परमेश्वर यह कहता है, ‘और मैं तुम्हें मुद्रा अंकित करने की अंगूठी बनाऊँगा। क्यों? क्योंकि मैंने तुम्हें चुना है!’” सर्वशक्तिमान यहोवा ने यह सब कहा है।