जब उनको भूख लगी, बरसा दिया भोजन था तूने आकाश से। जब उन्हें प्यास लगी, चट्टान से प्रकट किया तूने था जल को और कहा तूने था उनसे ‘आओ, ले लो इस प्रदेश को।’ तूने वचन दिया उन को उठाकर हाथ यह प्रदेश देने का उनको!
होरेब (सीनै) पहाड़ पर मैं तुम्हारे सामने एक चट्टान पर खड़ा होऊँगा। लाठी को चट्टान पर मारो और इससे पानी बाहर आ जाएगा। तब लोग पी सकते हैं।” मूसा ने वही बातें कीं और इस्राएल के बुजुर्गों (नेताओं) ने इसे देखा।
लोग भूखे नहीं रहेंगे, लोग प्यासे नहीं रहेंगे। गर्म सूर्य, गर्म हवा उनको दु:ख नहीं देंगे। क्यों क्योंकि वही जो उन्हें चैन देता है, (परमेश्वर) उनको राह दिखायेगा। वही लोगों को पानी के झरनों के पास—पास ले जायेगा।
लौटते समय वे लोग रो रहे होंगे। किन्तु मैं उनकी अगुवाई करुँगा और उन्हें आराम दूँगा। मैं उन लोगों को पानी के नालों के साथ लाऊँगा। मैं उन्हें अच्छी सड़क से लाऊँगा जिससे वे ठोकर खाकर न गिरें। मैं उन्हें इस प्रकार लाऊँगा क्योंकि मैं इस्राएल का पिता हूँ और एप्रैम मेरा प्रथम पुत्र है।