फिर वे तीनों मित्र अय्यूब के साथ सात दिन और सात रात तक भूमि पर बैठे रहे। अय्यूब से किसी ने एक शब्द तक नहीं कहा क्योंकि वे देख रहे थे कि अय्यूब भयानक पीड़ा में था।
आगे चल कर, यहोवा याकूब पर फिर अपना प्रेम दर्शायेगा। यहोवा इस्राएल के लोगों को फिर चुनेगा। उस समय यहोवा उन लोगों को उनकी धरती देगा। फिर गैर यहूदी लोग, यहूदी लोगों के साथ अपने को जोड़ेंगे। दोनों ही जातियों के लोग एकत्र हो कर याकूब के परिवार के रूप में एक हो जायेंगे।
यहोवा कहता है, हे! सीदोन की कुँवारी पुत्री, तुझे नष्ट किया जायेगा। अब तू और अधिक आनन्द न मना पायेगी। किन्तु सोर के निवासी कहते हैं, “हमको कित्ती बचायेगा।” किन्तु यदि तुम सागर को पार कर कित्तीमजाओ वहाँ भी तुम चैन का स्थान नहीं पाओगे।
किन्तु अभिमानी नगर को यहोवा ने झुकाया है और वहाँ के निवासियों को उसने दण्ड दियाहै। यहोवा ने उस ऊँचे बसी नगरी को धरती पर गिराया। उसने इसे धूल में मिलाने गिराया है।
नगर द्वार के निकट सभा स्थलों में रोना बिलखना और दुःख ही फैला होगा। यरूशलेम उस स्त्री के समान हर वस्तु से वंचित हो जायेगी जिसका सब कुछ चोर और लुटेरे लूट गये हों। वह धरती पर बैठेगी और बिलखेगी।
“सो मुझे यहोवा ने जो सन्हेरीब के विरोध में कहा, वह यह है: ‘सिय्योन की कुवाँरी पुत्री (यरूशलेम के लोग) तुझे तुच्छ जानती है। वह तेरी हँसी उड़ाती है। यरूशलेम की पुत्री तेरी हँसी उड़ाती है।
तू धूल झाड़ दे! तू अपने सुन्दर वस्त्र धारण कर! हे यरूशलेम, हे सिय्योन की पुत्री, तू एक बन्दिनी थी किन्तु अब तू स्वयं को अपनी गर्दन में बन्धी जंजीरों से मुक्त कर!
“दीबोन में रहने वाले लोगों अपने प्रतिष्ठा के स्थान से बाहर निकलो। धूलि में जमीन पर बैठो क्यों क्योंकि मोआब का विध्वंसक आ रहा है और वह तुम्हारे दृढ़ नगरों को नष्ट कर देगा।
उनकी सेना के पास धनुष और भाले हैं, सैनिक क्रूर हैं, उनमें दया नहीं है। सैनिक अपने घोड़ों पर सवार आ रहे हैं, और प्रचण्ड घोष सागर की तरह गरज रहे हैं। वे अपने स्थानों पर युद्ध के लिये तैयार खड़े हैं। बाबुल नगर वे तुम पर आक्रमण करने को तत्पर हैं।
इस्राएल के लोगों का परमेश्वर सर्वशक्तिमान यहोवा कहता है: “बाबुल नगर एक खलिहान सा है। फसल कटने के समय भूसे से अच्छा अन्न अलग करने के लिये लोग उंठल को पीटते हैं और बाबुल को पीटने का समय शीघ्र आ रहा है।
सिय्योन के बुजुर्ग अब धरती पर बैठते हैं। वे धरती पर बैठते हैं और चुप रहते है। अपने माथों पर धूल मलते हैं और शोक वस्त्र पहनते हैं। यरूशलेम की युवतियाँ दु:ख में अपना माथा धरती पर नवाती हैं।
नवयुवक और वृद्ध, नगर की गलियों में धरती पर पड़े रहें। मेरी युवा स्त्रियाँ, पुरुष और युवक तलवार के धार उतारे गये थे। हे यहोवा, तूने अपने क्रोध के दिन पर उनका वध किया है! तूने उन्हें बिना किसी करुणा के मारा है!
ऐसे लोग जो स्वादिष्ट भोजन खाया करते थे, आज भूख से गलियों में मर रहे हैं। ऐसे लोग जो उत्तम वस्त्र पहनते हुए पले बढ़े थे, अब कूड़े के ढेरों पर बीनते फिरते हैं।
तब समुद्र तट के देशों के सभी प्रमुख अपने सिंहासनों से उतरेंगे और अपना दु:ख प्रकट करेंगे। वे अपनी विशेष पोशाक उतारेंगे। वे अपने सुन्दर वस्त्रों को उतारेंगे। तब वे अपने काँपने के वस्त्र (भय) पहनेंगे। वे भूमि पर बैठेंगे और भय से काँपेंगे। वे इस पर शोकग्रस्त होंगे कि तुम इतने शीघ्र कैसे नष्ट हो गए।
तुम अपने सौन्दर्य के कारण घमण्डी हो गए, तुम्हारे गौरव ने तुम्हारी बुद्धिमत्ता को नष्ट किया, इसलिये मैंने तुम्हें धरती पर ला फेंका, और अब अन्य राजा तुम्हें आँख फाड़ कर देखते हैं।
नीनवे के राजा ने ये बातें सुनीं और उसने भी अपने बुरे कामों का शोक मनाया। इसके लिये राजा ने अपना सिंहासन छोड़ दिया। उसने अपने राजसी वस्त्र हटा दिये और अपना दु:ख व्यक्त करने के लिये शोकवस्त्र धारण कर लिये। इसके बाद वह राजा धूल में बैठ गया।
और मैं राज्यों के सिंहासनों को उठा फेंकूंगा और राष्ट्रों के राज्यों की शक्ति को नष्ट कर दूंगा और मैं रथों और उनके सवारों को नीचे फेंक दूंगा। तब घोड़े और उनके घुड़सवार गिरेंगे। भाई, भाई का दुश्मन हो जाएगा।’
क्योंकि जो महिमा और वैभव उसने स्वयं को दिया तुम उसी ढँग से उसे यातनाएँ और पीड़ा दो क्योंकि वह स्वयं अपने आप ही से कहती रही है, ‘मैं अपनी नृपासन विराजित महारानी मैं विधवा नहीं फिर शोक क्यों करूँगी?’