किसने अँजली में भर कर समुद्र को नाप दिया किसने हाथ से आकाश को नाप दिया किसने कटोरे में भर कर धरती की सारी धूल को नाप दिया किसने नापने के धागे से पर्वतों और चोटियों को नाप दिया यह यहोवा ने किया था!
स्वर्ग से कोई नहीं आया और वहाँ के रहस्य ला सका पवन को मुट्ठी में कोई नहीं बाँध सका। कोई नहीं बाँध सका पानी को कपड़े में और कोई नहीं जान सका धरती का छोर। और यदि कोई इन बातों को कर सका है, तो मुझसे कहो, उसका नाम और उसके पुत्र का नाम मुझको बता, यदि तू उसको जानता हो।
यहोवा कहता है: “मैं इस्राएल के वंशजों का कभी नहीं त्याग करुँगा। यह तभी संभव है यदि लोग ऊपर आसमान को नापने लगें और नीचे धरती के सारे रहस्यों को जान जायें। यदि लोग वह सब कर सकेंगे तभी मैं इस्राएल के वंशजों को त्याग दूँगा। तब मैं उनको, जो कुछ उन्होंने किया, उसके लिये त्यागूँगा।” यह सन्देश यहोवा का है।
मैं कौन हूँ मैं वही हूँ जिसने पर्वतों को बनाया। मैंने तुम्हारा प्राण बनाया। मैंने लोगों को अपने विचार बनाए। मैं ही सुबह को शाम में बदलता हूँ। मैं पृथ्वी के ऊपर के पर्वतों पर चलता हूँ। मैं कौन हूँ मेरा नाम यहोवा, सेनाओं का परमेश्वर है।