यहूदा का राजा यहोयाकीन बाबेल के राजा से मिलने बाहर आया। यहोयाकीन की माँ, उसके अधिकारी, प्रमुख और अन्य अधिकारी भी उसके साथ गये। तब बाबेल के राजा ने यहोयाकीन को बन्दी बना लिया। यह नबूकदनेस्सर के शासनकाल का आठवाँ वर्ष था।
नबूकदनेस्सर, यहोयाकीन को बन्दी के रूप में बाबेल ले गया। नबूकदनेस्सर राजा की माँ, उसकी पत्नियों, अधिकारी और देश के प्रमुख लोगों को भी ले गया। नबूकदनेस्सर उन्हें यरूशलेम से बाबेल बन्दी के रूप में ले गया।
इसलिये यहोवा ने यहूदा पर आक्रमण करने के लिये अश्शूर के राजा के सेनापतियों को वहाँ पहुँचाया। इन सेनापतियों ने मनश्शे को पकड़ लिया और उसे बन्दी बना लिया। उन्होंने उसको बेड़ियाँ पहना दीं और उसके हाथों में पीतल की जंजीरे डालीं। उन्होंने मनश्शे को बन्दी बनाया और उसे बाबुल देश ले गए।
बसन्त में राजा नबूकदनेस्सर ने कुछ सेवकों को यहोयाकीन को पकड़ने को भेजा। वे यहोयाकीन और यहोवा के मन्दिर से कुछ कीमती खजाने बाबेल ले गए। नबूकदनेस्सर ने सिदकिय्याह को यहूदा और यरूशलेम का नया राजा होने के लिये चुना। सिदकिय्याह यहोयाकीन का सम्बन्धी था।
नबूकदनेस्सर इसके बाद भी जीवित बचे लोगों को, बाबुल ले गया और उन्हें दास होने को विवश किया। वे लोग बाबेल में दास की तरह तब तक रहे जब तक फारस के सम्राट ने बाबेल के राज्य को पराजित नहीं किया।