राजा हिजकिय्याह और उसके अधिकारियों ने लेवीवंशियों को यहोवा की स्तुति का आदेश दिया। उन्होंने उन गीतों को गाया जिन्हें दाऊद और दृष्टा आसाप ने लिखा था। उन्होंने यहोवा की स्तुति की और प्रसन्न हुए। वे सभी झुके और उन्होंने यहोवा की उपासना की।
मैंने अपने मन में कहा कि मैं तब तक जीऊँगा जब तक बूढ़ा होऊँगा। किन्तु मेरा काल आ गया था कि मैं मृत्यु के द्वार से गुजरुँ। अब मैं अपना समय यहीं पर बिताऊँगा।
देखो, अब केवल मैं ही परमेश्वर हूँ। नहीं अन्य कोई भी परमेश्वर मैं ही निश्चय करता लोगों को जीवित रखूँ या मारूँ। मैं लोगों को दे सकता हूँ चोट और ठीक भी रख सकत हूँ। और न बचा सकता कोई किसी को मेरी शक्ति के बाहर।