फसल के समय लोग जैतून के पेड़ से जैतून को गिराया करेंगे। किन्तु केवल कुछ ही जैतून पेड़ों पर बचेंगे। जैसे अंगूर की फसल उतारने के बाद थोड़े से अंगूर बचे रह जाते हैं। यह ऐसा ही इस धरती के राष्ट्रों के साथ होगा।
यह सत्य है किन्तु फिर भी सर्वशक्तिशाली यहोवा ने कुछ लोगों को वहाँ जीवित रहने के लिये छोड़ दिया था। सदोम और अमोरा नगरों के समान हमारा पूरी तरह विनाश नहीं किया गया था।
उस समय, यहोवा दूसरे लोगों से अपने लोगों को अलग करने लगेगा। परात नदी से वह इस कार्य का आरम्भ करेगा। परात नदी से लेकर मिस्र की नदी तक यहोवा तुम इस्राएलियों को एक एक करके इकट्ठा करेगा।
उस प्रदेश में दस प्रतिशत लोग फिर भी बचे रह जायेंगे किन्तु उनको भी फिर से नष्ट कर दिया जायेगा क्योंकि ये लोग बांजवृक्ष के उस पेड़ के समान होंगे जिसके काट दिये जाने के बाद भी उसका तना बचा रह जाता है और ये (बचे हुए लोग) उसी तने के समान होंगे जो फिर से फुटाव ले लेता है।
यहूदा के कुछ लोग तलवार से मरने से बच निकलेंगे। वे मिस्र से यहूदा वापस लौटेंगे। किन्तु बहुत थोड़े से यहूदा के लोग बच निकलेंगे। तब यहूदा के बचे हुए वे लोग जो मिस्र में आकर रहेंगे यह समझेंगे कि किसका सन्देश सत्य घटित होता है। वे जानेंगे कि मेरा सन्देश अथवा उनका सन्देश सच निकलता है।
“किन्तु कुछ लोग बच निकलेंगे। वे बचे लोग भाग कर पहाड़ों में चल जाएंगे। किन्तु वे लोग सुखी नहीं होंगे। वे अपने पापों के कारण दुःखी होंगे। वे चिल्लायेंगे और कबूतरों की तरह दुःख—भरी आवाज़ निकालेंगे।
हाँ, हे याकूब के लोगों, मैं तुम सब को ही इकट्ठा करूँगा। मैं इस्राएल के बचे हुए लोगों को एकत्र करूँगा। जैसे बाड़े में भेड़े इकट्ठी की जाती हैं, वैसे ही मैं उनको एकत्र करूँगा जैसे किसी चरागाह में भेड़ों का झुण्ड। फिर तो वह स्थान बहुत से लोगों के शोर से भर जायेगा।
मैं व्याकुल हूँ, क्यों क्योंकि मैं गर्मी के उस फल सा हूँ जिसे अब तक बीन लिया गया है। मैं उन अंगूरों सा हूँ जिन्हें तोड़ लिया गया है। अब वहाँ कोई अंगूर खाने को नहीं बचे है। शुरू की अंजीरें जो मुझको भाती हैं, एक भी नहीं बची है।
“कुछ भी हो सरदीस में तेरे पास कुछ ऐसे लोग हैं जिन्होंने अपने को अशुद्ध नहीं किया है। वे श्वेत वस्त्र धारण किए हुए मेरे साथ-साथ घूमेंगे क्योंकि वे सुयोग्य हैं।