मैंने ऐसे व्यक्ति देखे हैं जिन्हें दास होना चाहिये था। किन्तु वह घोड़ों पर चढ़े रहते हैं। जबकि वे व्यक्ति जिन्हें शासक होना चाहिये था, दासों के समान उनके आगे पीछे घूमते रहते हैं।
बीते समय में यह नगर बहुत व्यस्त नगर था। यह नगर बहुत शोरगुल से भरा और बहुत प्रसन्न था। किन्तु अब बातें बदल गई। तुम्हारे लोग मारे गये किन्तु तलवारों से नहीं, और वे मारे गये किन्तु युद्ध में लड़ते समय नहीं।
मेरे लोगों की धरती के लिये विलाप करो। विलाप करो, क्योंकि वहाँ बस काँटे और खरपतवार ही उगा करेंगे। विलाप करो इस नगर के लिये और उन सब भवनों के लिये जो कभी आनन्द से भरे हुए थे।