यहोवा ने अपना हाथ सागर के ऊपर फैलाया है और राज्यों को कँपा दिया। यहोवा ने कनान (फिनिसियाँ) के बारे में आदेश दे दिया है कि उसके गढ़ियों को नष्ट कर दिया जाये।
सिय्योन की पुत्री की सुंदरता जाती रही है। उसकी राजकन्याएं दीन हरिणी सी हुई। वे वैसी हरिणी थीं जिनके पास चरने को चरागाह नहीं होती। बिना किसी शक्ति के वे इधर—उधर भागती हैं। वे ऐसे उन व्यक्तियों से बचती इधर—उधर फिरती हैं जो उनके पीछे पड़े हैं।
अब जिस दिन तुम्हारा पतन होता है, समुद्र तट से लगे देश भय के कंपित होंगे। तुमने समुद्र तट के सहारे कई उपनिवेश बनाए, अब वे लोग भयभीत होंगे, जब तुम नहीं रहोगे!’”
और मैं राज्यों के सिंहासनों को उठा फेंकूंगा और राष्ट्रों के राज्यों की शक्ति को नष्ट कर दूंगा और मैं रथों और उनके सवारों को नीचे फेंक दूंगा। तब घोड़े और उनके घुड़सवार गिरेंगे। भाई, भाई का दुश्मन हो जाएगा।’
शाऊल तेजी से भूमि पर गिर पड़ा और वहाँ पड़ा रहा। शाऊल शमूएल द्वारा कही गई बातों से डरा हुआ था। शाऊल बहुत कमजोर भी था क्योंकि उसने उस पूरे दिन रात भोजन नहीं किया था।