बाबुल के विशाल भवनों में कुत्ते और गीदड़ रोयेंगे। बाबुल बरबाद हो जायेगा। बाबुल का अंत निकट है। अब बाबुल के विनाश की मैं और अधिक प्रतीक्षा नहीं करता रहूँगा।”
यहोवा ने कहा था, “मैं बाबुल को बदल डालूँगा। उस स्थान में पशुओं का वास होगा, न कि मनुष्यों का। वह स्थान दलदली प्रदेश बन जायेगा। मैं ‘विनाश की झाडू’ से बाबुल को बाहर कर दूँगा।” सर्वशक्तिमान यहोवा ने ये बातें कही थीं।
तूने नगर को नष्ट किया। वह नगर सुदृढ़ प्राचीरों से संरक्षित था। किन्तु अब वह मात्र पत्थरों का ढेर रह गया। परदेसियों का महल नष्ट कर दिया गया। अब उसका फिर से निर्माण नहीं होगा।
लोग इस प्रमुख नगर को छोड़ जायेंगे। यह महल और ये मिनारें वीरान छोड़ दिये जायेंगे। वे जानवरों की माँद जैसे हो जाएँगे। नगर में जंगली गधे विहार करेंगे। वहाँ भेड़े घास चरती फिरेंगी।
वहाँ के सभी सुन्दर भवनों में काँटे और जंगली झाड़ियाँ उग आयेंगी। जंगली कुत्ते और उल्लू उन मकानों में वास करेंगे। परकोटों से युक्त नगरों को जंगली जानवर अपना निवास बना लेंगे। वहाँ जो घास उगेगी उसमें बड़े—बड़े पक्षी रहेंगे।
वहाँ जंगली बिल्लयाँ और लकड़बघ्घे साथ रहा करेंगे तथा जंगली बकरियाँ वहाँ अपने मित्रों को बुलायेंगी। रात के जीव जन्तु वहाँ अपने लिए आश्रय खोजते फिरेंगे और वहीं विश्राम करने के लिए अपनी जगह बना लेंगे।
लोग अभी जल के रूप में मृग मरीचिका को देखते हैं किन्तु उस समय जल के सच्चे सरोवर होंगे। सूखी धरती पर कुएँ हो जायेंगे। सूखी धरती से जल फूट बहेगा। जहाँ एक समय जंगली जानवरों का राज था, वहाँ लम्बे लम्बे पानी के पौधे उग आयेंगे।
यहाँ तक कि बनैले पशु और उल्लू भी मेरा आदर करेंगे। विशालकाय पशु और पक्षी मेरा आदर करेंगे। जब मरूभूमि में मैं पानी रख दूँगा तो वे मेरा आदर करेंगे। सूखी धरती में जब मैं नदियों की रचना कर दूँगा तो वे मेरा आदर करेंगे। मैं ऐसा अपने लोगों को पानी देने के लिये करूँगा। उन लोगों को जिन्हें मैंने चुना है।
इस्राएल के लोगों का परमेश्वर सर्वशक्तिमान यहोवा कहता है: “बाबुल नगर एक खलिहान सा है। फसल कटने के समय भूसे से अच्छा अन्न अलग करने के लिये लोग उंठल को पीटते हैं और बाबुल को पीटने का समय शीघ्र आ रहा है।
यहाँ तक कि गीदड़ी भी अपने बच्चे को थन देती है, वह अपने बच्चे को दूध पीने देती है। किन्तु मेरे लोग निर्दय हो गये हैं। वह ऐसे हो गये जैसे मरुभूमि में निवासी—शुतुर्मुर्ग।
मैं इस शीघ्र आने वाले विनाश के कारण व्याकुल होऊँगा और हाय—हाय करूँगा। मैं जूते न पहनूँगा और न वस्त्र धारण करूँगा। गीदड़ों के जैसे मैं जोर से चिल्लाऊँगा। मैं विलाप करूँगा जैसे शुतुर्मुर्ग करते हैं।
यह संदेश आगे आने वाले एक विशेष समय के बारे में है। यह संदेश अंत समय के बारे में है और यह सत्य सिद्ध होगा! ऐसा लग सकता है कि वैसा समय तो कभी आयेगा ही नहीं। किन्तु धीरज के साथ उसकी प्रतीक्षा कर। वह समय आयेगा और उसे देर नहीं लगेगी।
तब केवल भेड़ें और जंगली जानवर उस बर्बाद नगर में रहेंगे। उल्लू और कौवे उन स्तम्भों पर बैठेंगे जो खड़े छोड़ दिये गए हैं। उनकी ध्वनि खिड़कियों से आती सुनाई पड़ेगी। कौवे द्वारों की सीढ़ियों पर बैठेंगे। उन सूने घरों में काले पक्षी बैठेंगे।
केवल मैं हूँ देने वाला दण्ड मैं ही देता लोगों को अपराधों का बदला, जब उनका पग फिसल पड़ेगा अपराधों में, क्यों? क्योंकि विपत्ति समय उनका समीप है और दण्ड समय उनका दौड़ा आएगा।”
लोभ के कारण अपनी बनावटी बातों से वे तुमसे धन कमाएँगे। उनका दण्ड परमेश्वर के द्वारा बहुत पहले से निर्धारित किया जा चुका है। उनका विनाश तैयार है और उनकी प्रतीक्षा कर रहा है।