परमेश्वर के वे लोग जो वहाँ छूट गये थे अश्शूर को छोड़ देने के लिए रास्ता पा जायेंगे। यह वैसा ही होगा, जैसा उस समय हुआ था, जब परमेश्वर लोगों को मिस्र से बाहर निकाल कर लाया था।
यह सत्य है किन्तु फिर भी सर्वशक्तिशाली यहोवा ने कुछ लोगों को वहाँ जीवित रहने के लिये छोड़ दिया था। सदोम और अमोरा नगरों के समान हमारा पूरी तरह विनाश नहीं किया गया था।
उस समय, वे लोग जो इस्राएल में जीवित बचेंगे, यानी याकूब के वंश के ये लोग उस व्यक्ति पर निर्भर नहीं करते रहेंगे जो उन्हें मारता पीटता है। वे सचमुच उस यहोवा पर निर्भर करना सीख जायेंगे जो इस्राएल का पवित्र (परमेश्वर) है।
ऐसे अवसर पर, मेरा स्वामी परमेश्वर फिर आयेगा और उसके जो लोग बच गये थे उन्हें वह ले जायेगा। यह दूसरा अवसर होगा जब परमेश्वर ने वैसा किया। (ये परमेश्वर के ऐसे लोग हैं जो अश्शूर, उत्तरी मिस्र, दक्षिणी मिस्र, कूश, एलाम, बाबुल, हमात तथा समस्त संसार के ऐसे ही सुदूर देशों में छूट गये हैं।)
उस समय, वहाँ एक ऐसा राजमार्ग होगा जो मिस्र से अश्शूर जायेगा। फिर अस्शूर से लोग मिस्र में जायेंगे और मिस्र से अश्शूर में। मिस्र अश्शूर के लोगों के साथ परमेश्वर की उपासना करेगा।
अश्शूर में अभी मेरे बहुत से लोग खोये हुए हैं। मेरे कुछ लोग मिस्र को भाग गये हैं। किन्तु उस समय एक विशाल भेरी बजाई जायेगी और वे सभी लोग वापस यरूशलेम आजायेंगे और उस पवित्र पर्वत पर यहोवा के सामने वे सभी लोग झुक जायेंगे।
तब वह भूमि यहूदा के बचे हुए लोगों के लिये होगी। यहोवा यहूदा के उन लोगों को याद रखेगा। वे लोग विदेश में बन्दी हैं। किन्तु यहोवा उन्हें वापस लाएगा। तब यहूदा के लोग उन खेतों में अपनी भेड़ों को घास चरने देंगे। शाम को वे अश्कलोन के खाली घरों में लेटेंगे।