इस्राएल के परमेश्वर ने बातें कीं। इस्राएल की आश्रय, चट्टान ने मुझसे कहा, ‘वह व्यक्ति जो लोगों पर न्यायपूर्ण शासन करता है, वह व्यक्ति जो परमेश्वर को सम्मान देकर शासन करता है।
उस समय यिशै के परिवार में एक विशेष व्यक्ति होगा। यह व्यक्ति एक ध्वजा के समान होगा। यह “ध्वजा” दर्शायेगी कि समस्त राष्ट्रों को उसके आसपास इकट्ठा हो जाना चाहिये। ये राष्ट्र उससे पूछा करेंगे कि उन्हें क्या करना चाहिये और वह स्थान, जहाँ वह होगा, भव्यता से भर जायेगा।
उस समय, यहोवा का पौधा (यहूदा) बहुत सुन्दर और बहुत विशाल होगा। वे लोग, जो उस समय इस्राएल में रह रहे होंगे उन वस्तुओं पर बहुत गर्व करेंगे जिन्हें उनकी धरती उपजाती है।
यहोवा के सामने एक छोटे पौधे की तरह उसकी बढ़वार हुई। वह एक ऐसी जड़ के समान था जो सूखी धरती में फूट रही थी। वह कोई विशेष, नहीं दिखाई देता था। न ही उसकी कोई विशेष महिमा थी। यदि हम उसको देखते तो हमें उसमें कोई ऐसी विशेष बात नहीं दिखाई देती, जिससे हम उसको चाह सकते।
उस प्रदेश में दस प्रतिशत लोग फिर भी बचे रह जायेंगे किन्तु उनको भी फिर से नष्ट कर दिया जायेगा क्योंकि ये लोग बांजवृक्ष के उस पेड़ के समान होंगे जिसके काट दिये जाने के बाद भी उसका तना बचा रह जाता है और ये (बचे हुए लोग) उसी तने के समान होंगे जो फिर से फुटाव ले लेता है।
यह सब कुछ तब घटेगा जब उस विशेष बच्चे का जन्म होगा। परमेश्वर हमें एक पुत्र प्रदान करेगा। यह पुत्र लोगों की अगुवाई के लिये उत्तरदायी होगा। उसका नाम होगा: “अद्भुत, उपदेशक, सामर्थी परमेश्वर, पिता—चिर अमर और शांति का राजकुमार।”
उसके राज्य में शक्ति और शांति का निवास होगा। दाऊद के वंशज, उस राजा के राज्य का निरन्तर विकास होता रहेगा। वह राजा नेकी और निष्पक्ष न्याय का अपने राज्य के शासन में सदा—सदा उपयोग करता रहेगा। वह सर्वशक्तिशाली यहोवा अपनी प्रजा से गहरा प्रेम रखता है और उसका यह गहरा प्रेम ही उससे ऐसे काम करवाता है।
यह सन्देश यहोवा का है: “समय आ रहा है जब मैं दाऊद के कुल में एक सच्चा ‘अंकुर’ उगाऊँगा। वह ऐसा राजा होगा जो बुद्धिमत्ता से शासन करेगा और वह वही करेगा जो देश में उचित और न्यायपूर्ण होगा।
मेरे स्वामी यहोवा ने ये बातें कही थीं: “मैं लम्बें देवदार के वृक्ष से एक शाखा लूँगा। मैं वृक्ष की चोटी से एक छोटी शाखा लूँगा। और मैं स्वयं उसे बहुत ऊँचे पर्वत पर बोऊँगा।
वे उस भूमि पर रहेंगे जो मैंने अपने सेवक याकूब को दी। तुम्हारे पूर्वज उस स्थान पर रहते थे और मेरे लोग वहाँ रहेंगे। वे, उनके बच्चे और उनके पौत्र—पौत्रियाँ वहाँ सर्वदा रहेंगी और मेरा सेवक दाऊद उनका प्रमुख सदा रहेगा।
हे बेतलेहेम एप्राता, तू यहूदा का छोटा नगर है और तेरा वंश गिनती में बहुत कम है। किन्तु पहले तुझसे ही “मेरे लिये इस्राएल का शासक आयेगा।” बहुत पहले सुदूर अतीत में उसके घराने की जड़े बहुत पहले से होंगी।
अत: यहोशू, तुम्हें और तुम्हारे साथ के लोगों को मेरी बातें सुननी होंगी। तुम महायाजक हो, और तम्हारे साथ के लोग दूसरों के समक्ष एक अच्छा उदाहरण प्रस्तुत कर सकते हैं और मैं सच ही, अपने विशेष सेवक को लाऊँगा, उसे शाख कहते हैं।
“स्वयं मुझ यीशु ने तुम लोगों के लिए और कलीसियाओं के लिए, इन बातों की साक्षी देने को अपना स्वर्गदूत भेजा है। मैं दाऊद के परिवार का वंशज हूँ। मैं भोर का दमकता हुआ तारा हूँ।”
फिर उन प्राचीनों में से एक ने मुझसे कहा, “रोना बन्द कर। सुन, यहूदा के वंश का सिंह जो दाऊद का वंशज है विजयी हुआ है। वह इन सातों मुहरों को तोड़ने और इस लपेटे हुए पुस्तक को खोलने में समर्थ है।”
पड़ोसियों ने बच्चे का नाम रखा। उन स्त्रियों ने कहा, “अब नाओमी के पास एक पुत्र है!” पड़ोसियों ने उसका नाम ओबेद रखा। ओबेद यिशै का पिता था और यिशै, राजा दाऊद का पिता था।