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क्रॉस रेफरेंस
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मलाकी 3:16

पवित्र बाइबल

परमेश्वर के भक्तों ने आपस में बातें कीं और यहोवा ने उनकी सुनी। उसके सामने एक पुस्तक हैं। उस पुस्तक में परमेश्वर के भक्तों के नाम हैं। वे ही लोग है जो यहोवा के नाम का सम्मान करते हैं।

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64 क्रॉस रेफरेंस  

दूत ने कहा, “तुम अपने पुत्र को मत मारो अथवा उसे किसी प्रकार की चोट न पहुँचाओ। मैंने अब देख लिया कि तुम परमेश्वर का आदर करते हो और उसकी आज्ञा मानते हो। मैं देखता हूँ कि तुम अपने एक लौते पुत्र को मेरे लिए मारने के लिए तैयार हो।”

जब राजा दाऊद अपने नये घर गया। यहोवा ने उसके चारों ओर के शत्रुओं से उसे शान्ति दी।

यदि मैं जाऊँ और रजा अहाब से कहूँ कि तुम यहाँ हो तो यहोवा तुम्हें किसी अन्य स्थान पर पहुँचा सकता है। राजा अहाब यहाँ आयेगा और वह तुम्हें नहीं पा सकेगा। तब वह मुझे मार डालेगा। मैंने यहोवा का अनुसरण तब से किया है जब मैं एक बालक था।

इसलिये राजा अहाब ने ओबद्याह से अपने पास आने को कहा। ओबद्याह राज महल का अधिकारी था। (ओबद्याह यहोवा का सच्चा अनुयायी था।

“मेरे पिता दाऊद की यह इच्छा थी कि वह इस्राएली राष्ट्र के यहोवा परमेश्वर के नाम की महिमा के लिये एक मन्दिर बनवाये।

इसलिए हे यहोवा, कृपा करके अब मेरी विनती सुन। मैं तेरा सेवक हूँ और कृपा करके अपने सेवकों की विनती पर कान दे जो तेरे नाम को मान देना चाहते हैं। कृपा करके आज मुझे सहारा दे। जब मैं राजा से सहायता माँगू तब तू मेरी सहायता कर। मुझे सफल बना। मुझे सहायता दे ताकि मैं राजा के लिए प्रसन्नतादायक बना रहूँ।” उस समय मैं राजा के दाखमधु सेवक था।

इसके बाद उस सूचना की जाँच की गयी और यह पता चला कि मोर्दकै की सूचना सही थी और उन दो पहरेदारों को जिन्होंने राजा को मार डालने का षड़यन्त्र बनाया था, एक खम्भे पर लटका दिया गया। राजा के सामने ही ये सभी बातें राजा के इतिहास की पुस्तक में लिख दी गयीं।

उस रात राजा सो नहीं पाया। सो उसने अपने एक दास से इतिहास की पुस्तक लाकर अपने सामने उसे पढ़ने को कहा। (राजाओं के इतिहास की पुस्तक में वह सब कुछ अंकित रहता है जो एक राजा के शासनकाल के दौरान घटित होता है।)

और लोगों से परमेश्वर ने कहा था कि ‘यहोवा का भय मानो और उसको आदर दो। बुराईयों से मुख मोड़ना ही विवेक है, यही समझदारी है।’”

दुष्ट जन इतने अभिमानी होते हैं कि वे परमेश्वर का अनुसरण नहीं कर सकते। वे बुरी—बुरी योजनाएँ रचते हैं। वे ऐसे कर्म करते हैं, जैसे परमेश्वर का कोई अस्तित्व ही नहीं।

मैं जीवन भर यहोवा के लिये गाऊँगा। मैं जब तक जीता हूँ यहोवा के गुण गाता रहूँगा।

विवेक भय और यहोवा के आदर से उपजता है। वे लोग बुद्धिमान होतेहैं जो यहोवा का आदर करते हैं। यहोवा की स्तुति सदा गायी जायेगी।

यहोवा अपने अनुयायिओं को, बड़ोंको और छोटों को धन्य करेगा।

जो कोई व्यक्ति तेरी उपासना करता मैं उसका मित्र हूँ। जो कोई व्यक्ति तेरे आदेशों पर चलता है, मैं उसका मित्र हूँ।

हे यहोवा, इससे पहले की शब्द मेरे मुख से निकले तुझको पता होता है कि मैं क्या कहना चाहता हूँ।

यहोवा उन लोगों से प्रसन्न रहता है। जो उसकी आराधना करते हैं। यहोवा प्रसन्न हैं, ऐसे उन लोगों से जिनकी आस्था उसके सच्चे प्रेम में है।

यहोवा अपने लोगों की धरती पर अद्भुत काम करता है। यहोवा यह दिखाता है कि वह सचमुच उनसे प्रेम करता है।

कुछ को भरोसा अपने रथों पर है, और कुछ को निज सैनिकों पर भरोसा है किन्तु हम तो अपने यहोवा परमेश्वर को स्मरण करते हैं।

जो जन यहोवा का अनुसरण करते हैं, उन्हें यहोवा देखता है और रखवाली करता है। जो मनुष्य उसकी आराधना करते हैं, उनको उसका महान प्रेम बचाता है।

यहोवा सज्जनों की रक्षा करता है। उनकी प्रार्थनाओं पर वह कान देता है।

तू यह जानता है कि मैं बहुत व्याकुल हूँ। तू यह जानता है कि मैंने तुझे कितना पुकारा है तूने निश्चय ही मेरे सब आँसुओं का लेखा जोखा रखा हुआ है।

सो अब मैं तुझे सहायता पाने को पुकारुँगा। मेरे शत्रुओं को तू पराजित कर दे। मैं यह जानता हूँ कि तू यह कर सकता है। क्योंकि तू परमेश्वर है!

ओ सभी लोगों, परमेश्वर के आराधकों। आओ, मैं तुम्हें बताऊँगा कि परमेश्वर ने मेरे लिए क्या किया है।

मैं बहुत चिंतित और व्याकुल था, किन्तु यहोवा तूने मुझको चैन दिया और मुझको आनन्दित किया।

अब उन्हें इस पाप के लिये क्षमा कर। यदि तू क्षमा नहीं करेगा तो मेरा नाम उस किताब से मिटा दे जिसे तूने लिखा है।”

बुद्धिमान की संगति, व्यक्ति को बुद्धिमान बनाता है। किन्तु मूर्खो का साथी नाश हो जाता है।

हे यहोवा, तू हमें सच्ची शांति प्रदान करता है। तू उनको शान्ति दिया करता है, जो तेरे भरोसे हैं और तुझ पर विश्वास रखते हैं।

किन्तु हे परमेश्वर! हम तेरे न्याय के मार्ग की बाट जोह रहे हैं। हमारा मन तुझे और तेरे नाम को स्मरण करना चाहता है।

उस समय वे लोग जो अभी भी सिय्योन और यरूशलेम में रह रहे होंगे, पवित्र लोग कहलाएँगे। यह उन सभी लोगों के साथ घटेगा जिनका एक विशेष सूची में नाम अंकित है। यह सूची उन लोगों की होगी जिन्हें जीवित रहने की अनुमति दे दी जायेगी।

जो व्यक्ति यहोवा का आदर करता है उसे उसके सेवक की भी सुननी चाहिये। वह सेवक, आगे क्या होगा, इसे जाने बिना ही परमेश्वर में पूरा विश्वास रखते हुए अपना जीवन बिताता है। वह सचमुच यहोवा के नाम में विश्वास रखता है और वह सेवक अपने परमेश्वर के भरोसे रहता है।

“देखो, यह एक हुण्डी है। इसका भुगतान तो करना ही होगा। यह हुण्डी बताती है कि तुम अपने पापों के लिये अपराधी हो। मैं उस समय तक चुप नहीं होऊँगा जब तक इस हुण्डी का भुगतान न कर दूँ और देखो तुम्हें दण्ड देकर ही मैं इस हुण्डी का भुगतान करूँगा।

मैंने एप्रैम को रोते सुना है। मैंने एप्रैम को यह कहते सुना है: ‘हे यहोवा, तूने, सच ही, मुझे दण्ड दिया है और मैंने अपना पाठ सीख लिया। मैं उस बछड़े की तरह था जिसे कभी प्रशिक्षण नहीं मिला कृपया मुझे दण्ड देना बन्द कर, मैं तेरे पास वापस आऊँगा। तू सच ही मेरा परमेश्वर यहोवा है।

मैंने उनको ध्यान से सुना है, किन्तु वे वह नहीं कहते जो सत्य है। लोग अपने पाप के लिये पछताते नहीं। लोग उन बुरे कामों पर विचार नहीं करते जिन्हें उन्होंने किये हैं। परत्येक अपने मार्ग पर वैसे ही चला जा रहा है। वे युद्ध में दौड़ते हुए घोड़ों के समान हैं।

तब यहोवा ने उससे कहा, “यरूशलेम नगर से होकर निकलो। जो लोग उस नगर में लोगों द्वारा की गई भयंकर चीजों के विषय में दुःखी हैं और घबरायें हुए हैं, उन हर एक के ललाट पर एक चिन्ह अंकित करो।”

“दर्शन वाले व्यक्ति ने कहा, ‘हे दानिय्येल, उस समय मीकाएल नाम का वह प्रधान स्वर्गदूत उठ खड़ा होगा। मीकाएल तुम्हारे यहूदी लोगों का संरक्षक है। फिर एक विपत्तिपूर्ण समय आयेगा। वह समय इतना भयानक होगा, जितना भयानक इस धरती पर, जब से कोई जाति अस्तित्व में आयी है, कभी नहीं आया होगा। किन्तु हे दानिय्येल, उस समय तेरे लोगों में से हर वह व्यक्ति जिसका नाम, जीवन की पुस्तक में लिखा मिलेगा, बच जायेगा।

सनातन राजा के सामने एक आग की नदी बह रही थी। लाखों करोड़ों लोग उसकी सेवा में थे। उसके सामने करोड़ों दास खड़े थे। यह दृश्य कुछ वैसा ही था जैसे दरबार शुरू होने को पुस्तकें खोली गयी हों।

तब मैं तुम्हारे पास आऊँगा और तब मैं ठीक काम करूगा। मैं उस गवाह की तरह होऊँगा जो लोगों द्वारा किये गये बुरे कामों के बारे में न्यायाधीश से कहता है। कुछ लोग बुरे जादू करते हैं। कुछ लोग बुरे जादू करते हैं। कुछ लोग व्यभिचार का पाप करते हैं। कुछ लोग झूठी प्रतिज्ञायें करते हैं। कुछ लोग अपने मजदूरों को ठगते हैं—वे अपनी वाचा की गई रकम नहीं देते। लोग विधवाओं और अनाथों की सहायता नहीं करते। लोग अजनबियों की सहायता नहीं करते। लोग मेरा सम्मान नहीं करते!” सर्वशक्तिमान यहोवा ने यह सब कहा।

“किन्तु, मेरे भक्तों, तुम पर अच्छाई उगते सूरज के समान चमकेगी और यह सूरज की किरणों की तरह स्वास्थ्यवर्धक शक्ति देगी। तुम ऐसे ही स्वतन्त्र और प्रसन्न होओगे जैसे अपने बाड़े से स्वतन्त्र हुए बछड़े।

उसी समय वह उस बच्चे और माता-पिता के पास आई। उसने परमेश्वर को धन्यवाद दिया और जो लोग यरूशलेम के छुटकारे की बाट जोह रहे थे, उन सब को उस बालक के बारे में बताया।

और वहाँ पहुँच कर वे ऊपर के उस कमरे में गये जहाँ वे ठहरे हुए थे। ये लोग थे: पतरस, यूहन्ना, याकूब, अन्द्रियास, फिलिप्पुस, थोमा, बर्तुलमै और मत्ती, हलफई का पुत्र याकूब, उत्साही शमौन और याकूब का पुत्र यहूदा।

वह परमेश्वर से डरने वाला भक्त था और उसका परिवार भी वैसा ही था। वह गरीब लोगों की सहायता के लिये उदारतापूर्वक दान दिया करता था और सदा ही परमेश्वर की प्रार्थना करता रहता था।

जब पिन्तेकुस्त का दिन आया तो वे सब एक ही स्थान पर इकट्ठे थे।

इस प्रकार समूचे यहूदिया, गलील और सामरिया के कलीसिया का वह समय शांति से बीता। वह कलीसिया और अधिक शक्तिशाली होने लगी। क्योंकि वह प्रभु से डर कर अपना जीवन व्यतीत करती थी, और पवित्र आत्मा ने उसे और अधिक प्रोत्साहित किया था सो उसकी संख्या बढ़ने लगी।

आपस में भजनों, स्तुतियों और आध्यात्मिक गीतों का, परस्पर आदानप्रदान करते रहो। अपने मन में प्रभु के लिए गीत गाते उसकी स्तुति करते रहो।

इसलिए एक दूसरे को सुख पहुँचाओ और एक दूसरे को आध्यात्मिकरूप से सुदृढ़ बनाते रहो। जैसा कि तुम कर भी रहे हो।

हे भाईयों, हमारा तुमसे निवेदन है आलसियों को चेताओ, डरपोकों को प्रोत्साहित करो, दोनों की सहायता में रुचि लो, सब के साथ धीरज रखो।

तथा आओ, हम ध्यान रखें कि हम प्रेम और अच्छे कर्मों के प्रति एक दूसरे को कैसे बढ़ावा दे सकते हैं।

इस बात का ध्यान रखो कि परमेश्वर के अनुग्रह से कोई भी विमुख न हो जाए और तुम्हें कष्ट पहुँचाने तथा बहुत लोगों को विकृत करने के लिए कोई झगड़े की जड़ न फूट पड़े।

जब तक यह “आज” का दिन कहलाता है, तुम प्रतिदिन परस्पर एक दूसरे का धीरज बँधाते रहो ताकि तुममें से कोई भी पाप के छलावे में पड़कर जड़ न बन जाये।

हे प्रभु, तुझसे सब लोग सदा भयभीत रहेंगे। तेरा नाम लेकर सब जन स्तुति करेंगे, क्योंकि तू मात्र ही पवित्र है। सभी जातियाँ तेरे सम्मुख उपस्थित हुई तेरी उपासना करें। क्योंकि तेरे कार्य प्रकट हैं, हे प्रभु तू जो करता वही न्याय है।”

फिर मैंने छोटे और बड़े मृतकों को देखा। वे सिंहासन के आगे खड़े थे। कुछ पुस्तकें खोली गयीं। फिर एक और पुस्तक खोली गयीं—यही “जीवन की पुस्तक” है। उन कर्मों के अनुसार जो पुस्तकों में लिखे गए थे, मृतकों का न्याय किया गया।




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