तब वे सौ-सौ और पचास-पचास की पंक्तियों में बैठ गये।
फिर उसने आज्ञा दी, “हरी घास पर सब को पंक्ति में बैठा दो।”
और उसने वे पाँच रोटियाँ और दो मछलियाँ उठा कर स्वर्ग की ओर देखते हुए धन्यवाद दिया और रोटियाँ तोड़ कर लोगों को परोसने के लिए, अपने शिष्यों को दीं। और उसने उन दो मछलियों को भी उन सब लोगों में बाँट दिया।