फिर यीशु उस स्थान को छोड़ कर अपने नगर को चल दिया। उसके शिष्य भी उसके साथ थे।
जब वह बुवाई कर रहा था तो कुछ बीज राह के किनारे जा पड़े। चिड़ियाएँ आयीं और उन्हें चुग गयीं।
चल पड़ा और वहाँ नासरत नाम के नगर में घर बना कर रहने लगा ताकि भविष्यवक्ताओं द्वारा कहा गया वचन पूरा हो: वह नासरी कहलायेगा।
यीशु ने तब उनसे कहा, “किसी नबी का अपने निजी देश, सम्बंधियों और परिवार को छोड़ और कहीं अनादर नहीं होता।”