यहोशापात की सेना तकोआ मरुभूमि में बहुत सवेरे गई। जब वे बढ़ना आरम्भ कर रहे थे, यहोशापात खड़ा हुआ और उसने कहा, “यहूदा और यरूशलेम के लोगो, मेरी सुनो। अपने यहोवा परमेश्वर में विश्वास रखो और तब तुम शक्ति के साथ खड़े रहोगे। यहोवा के नबियों में विश्वास रखो। तुम लोग सफल होगे!”
यीशु ने उन्हें बताया, “क्योंकि तुममें विश्वास की कमी है। मैं तुमसे सत्य कहता हूँ, यदि तुममें राई के बीज जितना भी विश्वास हो तो तुम इस पहाड़ से कह सकते हो ‘यहाँ से हट कर वहाँ चला जा’ और वह चला जायेगा। तुम्हारे लिये असम्भव कुछ भी नहीं होगा।”
यीशु उन लोगों को जब ये बातें बता ही रहा था, तभी यहूदी आराधनालय का एक मुखिया उसके पास आया और उसके सामने झुक कर विनती करते हुए बोला, “अभी-अभी मेरी बेटी मर गयी है। तू चल कर यदि उस पर अपना हाथ रख दे तो वह फिर से जी उठेगी।”