यहोवा ने उसे कुचल डालने का निश्चय किया। यहोवा ने निश्चय किया कि वह यातनाएँ झेले। सो सेवक ने अपना प्राण त्यागने को खुद को सौंप दिया। किन्तु वह एक नया जीवन अनन्त—अनन्त काल तक के लिये पायेगा। वह अपने लोगों को देखेगा। यहोवा उससे जो करना चाहता है, वह उन बातों को पूरा करेगा।
फिर युवक ने उनसे कहा, “डरो मत, तुम जिस यीशु नासरी को ढूँढ रही हो, जिसे क्रूस पर चढ़ाया गया था, वह जी उठा है! वह यहाँ नहीं है। इस स्थान को देखो जहाँ उन्होंने उसे रखा था।
यीशु ने इस धरती पर के जीवनकाल में जो उसे मृत्यु से बचा सकता था, ऊँचे स्वर में पुकारते हुए और रोते हुए उससे प्रार्थनाएँ तथा विनतियाँ की थीं और आदरपूर्ण समर्पण के कारण उसकी सुनी गयी।