बिना खमीर की रोटी के उत्सव से एक दिन पहले, जब फ़सह (मेमने) की बलि दी जाया करती थी उसके शिष्यों ने उससे पूछा, “तू क्या चाहता है कि हम कहाँ जा कर तेरे खाने के लिये फ़सह भोज की तैयारी करें?”
इसलिए प्रथम महीने निसन के चौदहवें दिन की सन्ध्या से तुम लोग अख़मीरी रोटी खाना आरम्भ करोगे। उसी महीने के इक्कीसवें दिन की सन्ध्या तक तुम ऐसी रोटी खाओगे।
मूसा ने लोगों से कहा, “इस दिन को याद रखो। तुम लोग मिस्र में दास थे। किन्तु इस दिन यहोवा ने अपनी महान शक्ति का उपयोग किया और तुम लोगों को स्वतन्त्र किया। तुम लोग खमीर के साथ रोटी मत खाना।
उत्तर में यीशु ने उससे कहा, “अभी तो इसे इसी प्रकार होने दो। हमें, जो परमेश्वर चाहता है उसे पूरा करने के लिए यही करना उचित है।” फिर उसने वैसा ही होने दिया।
फ़सह पर्व और बिना खमीर की रोटी का उत्सव आने से दो दिन पहले की बात है कि प्रमुख याजक और यहूदी धर्मशास्त्री कोई ऐसा रास्ता ढूँढ रहे थे जिससे चालाकी के साथ उसे बंदी बनाया जाये और मार डाला जाये।