तब यहूदा इस्करियोती जो उसके बारह शिष्यों में से एक था, प्रधान याजक के पास यीशु को धोखे से पकड़वाने के लिए गया।
मेरा परम मित्र मेरे संग खाता था। उस पर मुझको भरोसा था। किन्तु अब मेरा परम मित्र भी मेरे विरुद्ध हो गया है।
शमौन जिलौत और यहूदा इस्करियोती (जिसने उसे धोखे से पकड़वाया था)।
वे उस की बात सुनकर बहुत प्रसन्न हुए और उन्होंने उसे धन देने का वचन दिया। इसलिए फिर यहूदा यीशु को धोखे से पकड़वाने की ताक में रहने लगा।
तथा यहूदा इस्करियोती (जिसने आगे चल कर यीशु को धोखे से पकड़वाया था)।
शाम का खाना चल रहा था। शैतान अब तक शमौन इस्करियोती के पुत्र यहूदा के मन में यह डाल चुका था कि वह यीशु को धोखे से पकड़वाएगा।
इसलिए यहूदा ने रोटी का टुकड़ा लिया। और तत्काल चला गया। यह रात का समय था।