यह सही है कि हम सभी किसी दिन मरेंगे। हम लोग उस पानी की तरह हैं जो भूमि पर फेंका गया है। कोई भी व्यक्ति भूमि से उस पानी को इकट्ठा नहीं कर सकता। किन्तु परमेश्वर माफ करता है। उसके पास उन लोगों के लिए एक योजना है जो अपना घर छोड़ने को विवश किये गए हैं—परमेश्वर उनको अपने से अलग नहीं करता।
“हर कोई कह रहा है कि वे दूसरे लोग उसके विरुद्ध षड़यन्त्र रच रहे हैं। तुम्हें उन बातों पर विश्वास नहीं करना चाहिए। जिन बातों से वे डरते हैं, तुम्हें उन बातों से नहीं डरना चाहिये। तुम्हें उनके प्रति निर्भय रहना चाहिए!”
“मेरे लोगों, दु:खी मत होओ। अफवाहें उड़ेंगी किन्तु डरो नहीं। इस वर्ष एक अफवाह उड़ती है। अगले वर्ष दूसरी अफवाह उड़ेगी। देश में भयंकर युद्ध के बारे में अफवाहें उड़ेंगी। शासकों के दूसरे शासकों के विरुद्ध युद्ध के बारे में अफवाहें उड़ेंगी।
एक जाति दूसरी जाति के विरोध में और एक राज्य दूसरे राज्य के विरोध में खड़े होंगे। बहुत से स्थानों पर भूचाल आयेंगे और अकाल पड़ेंगे। वे पीड़ाओं का आरम्भ ही होगा।
“मैं तुम्हारे लिये अपनी शांति छोड़ रहा हूँ। मैं तुम्हें स्वयं अपनी शांति दे रहा हूँ पर तुम्हें इसे मैं वैसे नहीं दे रहा हूँ जैसे जगत देता है। तुम्हारा मन व्याकुल नहीं होना चाहिये और न ही उसे डरना चाहिये।
और शास्त्रों से लेकर उन्हें समझाते हुए यह सिद्ध करता रहा कि मसीह को यातनाएँ झेलनी ही थीं और फिर उसे मरे हुओं में से जी उठना था। वह कहता, “यह यीशु ही, जिसका मैं तुम्हारे बीच प्रचार करता हूँ, मसीह है।”