ऐसे ही जब तुम यह सब कुछ घटित होते देखो तो समझ जाना कि वह समय निकट आ पहुँचा है, बल्कि ठीक द्वार तक।
“अंजीर के पेड़ से शिक्षा लो कि जब उसकी टहनियाँ कोमल हो जाती हैं और उस पर कोंपलें फूटने लगती हैं तो तुम जान जाते हो कि ग्रीष्म ऋतु आने को है।
मैं तुमसे सत्य कहता हूँ कि निश्चित रूप से इन लोगों के जीते जी ही ये सब बातें घटेंगी।
हे भाईयों, आपस में एक दूसरे की शिकायतें मत करो ताकि तुम्हें अपराधी न ठहराया जाए। देखो, न्यायकर्त्ता तो भीतर आने के लिए द्वार पर ही खड़ा है।