लेकिन वहाँ तक तेज दौड़ो। मैं तब तक सदोम को नष्ट नहीं करूँगा जब तक तुम उस नगर में सुरक्षित नहीं पहुँच जाते।” (इस नगर का नाम सोअर है, क्योंकि यह छोटा है।)
विश्वास के कारण ही नूह को जब उन बातों की चेतावनी दी गयी जो उसने देखी तक नहीं थी तो उसने पवित्र भयपूर्वक अपने परिवार को बचाने के लिए एक नाव का निर्माण किया था। अपने विश्वास से ही उसने इस संसार को दोषपूर्ण माना और उस धार्मिकता का उत्तराधिकारी बना जो विश्वास से आती है।