समूचे मन से, समूचे जीवन से, समूची बुद्धि से और अपनी सारी शक्ति से तुझे प्रभु अपने परमेश्वर से प्रेम करना चाहिये।’
“इस्राएल के लोगो, ध्यान से सुनो! यहोवा हमारा परमेश्वर है, यहोवा एक है!
और तुम्हें यहोवा, अपने परमेश्वर से अपने सम्पूर्ण हृदय, आत्मा और शक्ति से प्रेम करना चाहिए।