अत: वे तुम्हारे पास वैसे ही आते हैं जैसे वे मेरे लोग हों। वे तुम्हारे सामने मेरे लोगों की तरह बैठेंगे। वे तुम्हारा सन्देश सुनेंगे। किन्तु वे वह नहीं करेंगे जो तुम कहोगे। वे केवल वह करना चाहते हैं जो अनुभव करने में अच्छा हो। वे लोगों को धोखा देना चाहते हैं और अधिक धन कमाना चाहते हैं।
“काँटों में गिरे बीज का अर्थ है, वह व्यक्ति जो सुसंदेश को सुनता तो है, पर संसार की चिंताएँ और धन का लोभ सुसंदेश को दबा देता है और वह व्यक्ति सफल नहीं हो पाता।
यीशु को पकड़वाने वाले यहूदा ने जब देखा कि यीशु को दोषी ठहराया गया है, तो वह बहुत पछताया और उसने प्रमुख याजकों और बुज़ुर्ग यहूदी नेताओं को चाँदी के वे तीस सिक्के लौटा दिये।
यीशु ने उस पर दृष्टि डाली और उसके प्रति प्रेम का अनुभव किया। फिर उससे कहा, “तुझमें एक कमी है। जा, जो कुछ तेरे पास है, उसे बेच कर गरीबों में बाँट दे। स्वर्ग में तुझे धन का भंडार मिलेगा। फिर आ, और मेरे पीछे हो ले।”
क्योंकि हेरोदेस यूहन्ना से डरता था। हेरोदेस जानता था कि यूहन्ना एक सच्चा और पवित्र पुरुष है, इसीलिये वह उसकी रक्षा करता था। हेरोदेस जब यूहन्ना की बातें सुनता था तो वह बहुत घबराता था, फिर भी उसे उसकी बातें सुनना बहुत भाता था।
सो यीशु ने उनसे कहा, “सावधानी के साथ सभी प्रकार के लोभ से अपने आप को दूर रखो। क्योंकि आवश्यकता से अधिक सम्पत्ति होने पर भी जीवन का आधार उसका संग्रह नहीं होता।”
क्योंकि वह दुःख जिसे परमेश्वर देता है एक ऐसे मनफिराव को जन्म देता है जिसके लिए पछताना नहीं पड़ता और जो मुक्ति दिलाता है। किन्तु वह दुःख जो सांसारिक होता है, उससे तो बस मृत्यु जन्म लेती है।
क्योंकि तुम निश्चय के साथ यह जानते हो कि ऐसा कोई भी व्यक्ति जो दुराचारी है, अपवित्र है अथवा लालची है, जो एक मूर्ति पूजक होने जैसा है। मसीह के और परमेश्वर के राज्य का उत्तराधिकार नहीं पा सकता।