अभी वे स्त्रियाँ अपने रास्ते में ही थीं कि कुछ सिपाही जो पहरेदारों में थे, नगर में गए और जो कुछ घटा था, उन सब की सूचना प्रमुख याजकों को जा सुनाई।
सो उन्होंने बुज़ुर्ग यहूदी नेताओं से मिल कर एक योजना बनायी। उन्होंने सिपाहियों को बहुत सा धन देकर
वे सिपाही जो कब्र का पहरा दे रहे थे, डर के मारे काँपने लगे और ऐसे हो गये जैसे मर गये हों।