तूने मुझको कभी नहीं याद किया यहाँ तक कि तूने मुझ पर ध्यान तक नहीं दिया! सो तू किसके विषय में चिन्तित रहा करता था तू किससे भयभीत रहता था तू झूठ क्यों कहता था देख मैं बहुत दिनों से चुप रहता आया हूँ और फिर भी तूने मेरा आदर नहीं किया।
किन्तु कायरों अविश्वासियों, दुर्बुद्धियों, हत्यारों, व्यभिचारियों, जादूटोना करने वालों मूर्तिपूजकों और सभी झूठ बोलने वालों को भभकती गंधक की जलती झील में अपना हिस्सा बँटाना होगा। यही दूसरी मृत्यु है।”