वह जो मन्दिर है, उसकी भी शपथ लेता है। वह मन्दिर के साथ जो मन्दिर के भीतर है, उसकी भी शपथ लेता है।
मैंने तेरे लिए एक अद्भुत मन्दिर बनाया, एक निवास, जिसमें तू सदैव रहेगा।”
“किन्तु परमेस्वर, क्या तू सचमुच इस पृथ्वी पर हम लोगों के साथ रहेगा तुझको सारा आकाश और स्वर्ग के उच्चतम स्थान भी धारण नहीं कर सकते। निश्चय ही यह मन्दिर भी, जिसे मैंने बनाया है, तुझको धारण नहीं कर सकता।
हे यहोवा, मैंने एक भवन तेरे रहने के लिये बनाया है। यह एक भव्य भवन है। यह तेरे सर्वदा रहने का स्थान है!”
याजक यहोवा के मन्दिर में नहीं जा सकते थे क्योंकि यहोवा के तेज ने उसे भर दिया था।
हे यहोवा, मुझको तेरा मन्दिर प्रिय है। मैं तेरे पवित्र तम्बू से प्रेम करता हूँ।
इसलिये यदि कोई वेदी की शपथ लेता है तो वह वेदी के साथ वेदी पर जो रखा है, उस सब की भी शपथ लेता है।
क्योंकि परमेश्वर अपनी सम्पूर्णता के साथ सदैव उसी में निवास करता है।