राजा अर्तक्षत्र आपको यह भी जान लेना चाहिये कि यदि यरूशलेम और इसके परकोटे फिर बन गए तो यरूशलेम के लोग कर देना बन्द कर देंगे। वे आपका सम्मान करने के लिये धन भेजना बन्द कर देंगे। वे सेवा कर देना भी रोक देंगे और राजा को उस सारे धन से हाथ धोना पड़ेगा।
मैं चाहता हूँ कि तुम लोगों को ज्ञात हो कि याजकों, लेवियों, गायकों, द्वारपालों और परमेश्वर के मन्दिर के अन्य कर्मचारियों ताथ सेवकों को किसी भी प्रकार का कर देने के लिये बाध्य करना, नियम के विरोध है।
कुछ लोग यह भी कह रहे थे, “हमें अपने खेतों और अँगूर के बगीचों पर राजा का कर चुकाना पड़ता है किन्तु हम कर चुका नहीं पाते हैं इसलिए हमें कर चुकाने के वास्ते धन उधार लेना पड़ता है।
इस धरती की फसल है भरपूर किन्तु पाप किये हमने सो हमारी उपज जाती है पास उन राजाओं के जिनको तूने बिठाया है सिर पर हमारे। हम पर और पशुओं पर हमारे वे राजा राज करते हैं वे चाहते हैं जैसा भी वैसा ही करते हैं। हम हैं बहुत कष्ट में।
तुम लोग एक बड़ी भूल कर रहे हो, जिसके कारण तुम मरोगे। तुम लोगों ने यहोवा अपने परमेश्वर के पास मुझे भेजा। तुमने मुझसे कहा, ‘परमेश्वर यहोवा से हमारे लिये प्रार्थना करो। हर बात हमें बताओ जो यहोवा करने को कहता है। हम यहोवा की आज्ञा का पालन करेंगे।’
पतरस ने उत्तर दिया, “हाँ, वह देता है।” और घर में चला आया। पतरस से बोलने के पहले ही यीशु बोल पड़ा, उसने कहा, “शमौन, तेरा क्या विचार है? धरती के राजा किससे चुंगी और कर लेते हैं? स्वयं अपने बच्चों से या दूसरों के बच्चों से?”
तिबिरियुस कैसर के शासन के पन्द्रहवें साल में जब यहूदिया का राज्यपाल पुन्तियुस पिलातुस था और उस प्रदेश के चौथाई भाग के राजाओं में हेरोदेस गलील का, उसका भाई फिलिप्पुस इतूरैया और त्रखोनीतिस का, तथा लिसानियास अबिलेने का अधीनस्थ शासक था।
और यासोन सम्मान के साथ उन्हें अपने घर में ठहराये हुए है। और वे सभी कैसर के आदेशों के विरोध में काम करते हैं और कहते है, एक राजा और है जिसका नाम है यीशु।”
पौलुस ने स्वयं अपना बचाव करते हुए कहा, “मैंने यहूदियों के विधान के विरोध में कोई काम नहीं किया है, न ही मन्दिर के विरोध में और न ही कैसर के विरोध में।”
उसके बाद जनगणना के समय गलील का रहने वाला यहूदा प्रकट हुआ। उसने भी कुछ लोगों को अपने पीछे आकर्षित कर लिया था। वह भी मारा गया। उसके भी सभी अनुयायी इधर उधर बिखर गये।