जब प्रमुख याजकों और धर्मशास्त्रियों ने यह सुना तो वे उसे मारने का कोई रास्ता ढूँढने लगे। क्योंकि भीड़ के सभी लोग उसके उपदेश से चकित थे। इसलिए वे उससे डरते थे।
और फिर वे सभी श्रद्धा और विस्मय से भर उठे। और यह कहते हुए परमेश्वर की महिमा करने लगे कि “हमारे बीच एक महान नबी प्रकट हुआ है।” और कहने लगे, “परमेश्वर अपने लोगों की सहायता के लिये आ गया है।”
उस फ़रीसी ने जिसने यीशु को अपने घर बुलाया था, यह देखकर मन ही मन सोचा, “यदि यह मनुष्य नबी होता तो जान जाता कि उसे छूने वाली यह स्त्री कौन है और कैसी है? वह जान जाता कि यह तो पापिन है।”
“हे इस्राएल के लोगों, इन वचनों को सुनो: नासरी यीशु एक ऐसा पुरुष था जिसे परमेश्वर ने तुम्हारे सामने अद्भुत कर्मों, आश्चर्यों और चिन्हों समेत जिन्हें परमेश्वर ने उसके द्वारा किया था तुम्हारे बीच प्रकट किया। जैसा कि तुम स्वयं जानते ही हो।