वे बङे हठी थे। उन्होंने परमेश्वर की व्यवस्था का पालन करना अस्वीकार कर दिया। अपनी आत्मशक्ति से सर्वशक्तिमान यहावा ने नबियों द्धारा अपने लोगों को सन्देश भेजे। किन्तु लोगों ने उसे नहीं सुना, अत: सर्वशक्तिमान यहोवा बहुत क्रारोधित हुआ।
और जब कभी तुम प्रार्थना करते खड़े होते हो तो यदि तुम्हें किसी से कोई शिकायत है तो उसे क्षमा कर दो ताकि स्वर्ग में स्थित तुम्हारा परम पिता तुम्हारे पापों के लिए तुम्हें भी क्षमा कर दे।”
इस पर उसने उनसे कहा, “तुम वो हो जो लोगों को यह जताना चाहते हो कि तुम बहुत अच्छे हो किन्तु परमेश्वर तुम्हारे मनों को जानता है। लोग जिसे बहुत मूल्यवान समझते हैं, परमेश्वर के लिए वह तुच्छ है।
किन्तु यदि तुम लोगों के हृदयों में भयंकर ईर्ष्या और स्वार्थ भरा हुआ है, तो अपने ज्ञान का ढोल मत पीटो। ऐसा करके तो तुम सत्य पर पर्दा डालते हुए असत्य बोल रहे हो।
मैं महामारी से उसके बच्चों को मार डालूँगा और सभी कलीसियाओं को यह पता चल जाएगा कि मैं वही हूँ जो लोगों के मन और उनकी बुद्धि को जानता है। मैं तुम सब लोगों को तुम्हारे कर्मो के अनुसार दूँगा।