तब दो व्यक्तियों ने लोगों से कहा कि उन्होंने नाबोत को परमेश्वर और राजा के विरुद्ध बातें करते सुना है। अत: लोग नाबोत को नगर के बाहर ले गए। तब उन्होंने उसे पत्थरों से मार डाला।
“हत्यारे को तभी मृत्यु दण्ड दिया जा सकेगा। जब उसके विरोध में एक से अधिक गवाहियाँ होंगी। यदि एक ही गवाह होगा तो किसी व्यक्ति को प्राणदण्ड नहीं दिया जाएगा।
किन्तु यदि एक ही गवाह यह कहता है कि उसने बुरा काम किया है तो उसे मृत्यु दण्ड नहीं दिया जाएगा। किन्तु यदि दो या तीन गवाह यह कहते हैं की यह सत्य है तो उस व्यक्ति को मार डालना चाहिए।
“यदि किसी व्यक्ति पर नियम के खिलाफ कुछ करने का मुकदमा हो तो एक गवाह इसे प्रमाण करने के लिए काफी नहीं होगा कि वह दोषी है। उसने निश्चय ही बुरा किया है इसे प्रमाणित करने के लिए दो या तीन गवाह होने चाहिए।
मैं अपने दो गवाहों को खुली छूट दे दूँगा और वो एक हज़ार दो सौ साठ दिनों तक भविष्यवाणी करेंगे। वे ऊन के ऐसे वस्त्र धारण किए हुए होंगे जिन्हें शोक प्रदर्शित करने के लिए पहना जाता है।”