सो परमेश्वर के वचन किसी विचित्र भाषा के जैसे हो जाएँगे। “सौ लासौ सौ लासौ काव लाकाव काव लाकाव ज़ेईर शाम ज़ेईर शाम।” सो लोग जब चलेंगे तो पीछे की ओर लुढ़क जाएँगे और जख्मी होंगे। लोगों को फँसा लिया जाएगा और वे पकड़े जाएँगे।
“वह बीज जो राह के किनारे गिर पड़ा था, उसका अर्थ है कि जब कोई स्वर्ग के राज्य का सुसंदेश सुनता है और उसे समझता नहीं है तो दुष्ट आकर, उसके मन में जो उगा था, उसे उखाड़ ले जाता है।
उसने उन्हें एक दृष्टान्त कथा और कही: “स्वर्ग का राज्य खमीर के समान है, जिसे किसी स्त्री ने तीन बार आटे में मिलाया और तब तक उसे रख छोड़ा जब तक वह सब का सब खमीर नहीं हो गया।”
“एक और दृष्टान्त सुनो: एक ज़मींदार था। उसने अंगूरों का एक बगीचा लगाया और उसके चारों ओर बाड़ लगा दी। फिर अंगूरों का रस निकालने का गरठ लगाने को एक गडढ़ा खोदा और रखवाली के लिए एक मीनार बनायी। फिर उसे बटाई पर देकर वह यात्रा पर चला गया।
तुमने नाशमान बीज से पुर्नजीवन प्राप्त नहीं किया है बल्कि यह उस बीज का परिणाम है जो अमर है। तुम्हारा पुर्नजन्म परमेश्वर के उस सुसंदेश से हुआ है जो सजीव और अटल है।