यारोबाम ने इस्राएल की उस भूमि को जो सिवाना हमात से अराबा सागर (मृत सागर) तक जाती थी, वापस लिया। यह वैसा ही हुआ जैसा इस्राएल के यहोवा ने अपने सेवक गथेपेर के नबी, अमित्तै के पुत्र योना से कहा था।
उस समय यीशु अपने शिष्यों को बताने लगा कि, उसे यरूशलेम जाना चाहिये। जहाँ उसे यहूदी धर्मशास्त्रियों, बुज़ुर्ग यहूदी नेताओं और प्रमुख याजकों द्वारा यातनाएँ पहुँचा कर मरवा दिया जायेगा। फिर तीसरे दिन वह मरे हुओं में से जी उठेगा।