और फिर यदि यह सच है कि मैं बैल्ज़ाबुल के सहारे दुष्ट आत्माओं को निकालता हूँ तो तुम्हारे अनुयायी किसके सहारे उन्हें बाहर निकालते हैं? सो तुम्हारे अपने अनुयायी ही सिद्ध करेंगे कि तुम अनुचित हो।
शिष्य को गुरु के बराबर होने में और दास को स्वामी के बराबर होने में ही संतोष करना चाहिये। जब वे घर के स्वामी को ही बैल्जा़बुल कहते हैं, तो उसके घर के दूसरे लोगों के साथ तो और भी बुरा व्यवहार करेंगे!
समस्त सीरिया देश में उसका समाचार फैल गया। इसलिये लोग ऐसे सभी व्यक्तियों को जो संतापी थे, या तरह तरह की बीमारियों और वेदनाओं से पीड़ित थे, जिन पर दुष्टात्माएँ सवार थीं, जिन्हें मिर्गी आती थी और जो लकवे के मारे थे, उसके पास लाने लगे। यीशु ने उन्हें चंगा किया।
किन्तु यदि मैं बैल्ज़ाबुल की सहायता से दुष्टात्माओं को निकालता हूँ तो तुम्हारे अनुयायी उन्हें किसकी सहायता से निकालते हैं? सो तुझे तेरे अपने लोग ही अनुचित सिद्ध करेंगे।
“स्वामी ने उससे कहा, ‘अरे दुष्ट सेवक, मैं तेरे अपने ही शब्दों के आधार पर तेरा न्याय करूँगा। तू तो जानता ही है कि में जो रखता नहीं हूँ, उसे भी ले लेने वाला और जो बोता नहीं हूँ, उसे भी काटने वाला एक कठोर व्यक्ति हूँ?
अब हम यह जानते हैं कि व्यवस्था में जो कुछ कहा गया है, वह उन को सम्बोधित है जो व्यवस्था के अधीन हैं। ताकि हर मुँह को बन्द किया जा सके और सारा जगत परमेश्वर के दण्ड के योग्य ठहरे।