स्वर्ग और धरती, तुम यहोवा की वाणी सुनो! यहोवा कहता है, “मैंने अपने बच्चों का विकास किया। मैंने उन्हें बढ़ाने में अपनी सन्तानों की सहायता की। किन्तु मेरी सन्तानों ने मुझ से विद्रोह किया।
मैं यह काम करता हूँ ताकि सब लोग जान जायें कि मैं ही मात्र परमेश्वर हूँ। पूर्व से पश्चिम तक सभी लोग ये जानेंगे कि मैं यहोवा हूँ और मेरे सिवा दूसरा कोई परमेश्वर नहीं।
हर स्वर्गदूत दूसरे स्वर्गदूत से पुकार—पुकार कर कह रहे थे, “पवित्र, पवित्र, पवित्र, सर्वशक्तिशाली यहोवा परम पवित्र है! यहोवा की महिमा सारी धरती पर फैली है।” स्वर्गदूतों की वाणी के स्वर बहुत ऊँचे थे।
“बुरे विचारों में पड़े हुए वे लोग बुरे काम किया करते हैं। इसलिए उन्हें दण्ड देने को मैं आ रहा हूँ। मैं सभी जातियों और सभी लोगों को इकट्ठा करूँगा। परस्पर एकत्र हुए सभी लोग मेरी शक्ति को देखेंगे।
उसके न्याय सदा सच्चे हैं, धर्म युक्त हैं, उस महती वेश्या का उसने न्याय किया है, जिसने अपने व्यभिचार से इस धरती को भ्रष्ट किया था जिनको उसने मार दिया उन दास जनों की हत्या का प्रतिशोध हो चुका।”