मैंने (यहेजकेल) एक धूल भरी आंधी उत्तर से आती देखी। यह एक विशाल बादल था और उसमें से आग चमक रही थी। इसके चारों ओर प्रकाश जगमगा रहा था। यह आग में चमकते तप्त धातु सा दिखता था।
सनातन राजा के सामने एक आग की नदी बह रही थी। लाखों करोड़ों लोग उसकी सेवा में थे। उसके सामने करोड़ों दास खड़े थे। यह दृश्य कुछ वैसा ही था जैसे दरबार शुरू होने को पुस्तकें खोली गयी हों।
“न्याय का समय आ रहा है। यह गर्म भट्टी —सा होगा। वे सभी गर्वीलें व्यक्ति दण्डित होंगे। वे सभी पापी लोग सूखी घास की तरह जलेंगे। उस समय वे आग में ऐसी जलती झाड़ी—से होंगे जिसकी कोई शाखा याजड़ बची नहीं रहेगी।” सर्वशक्तिमान यहोवा ने यह सब कहा।
यदि कोई भी उन्हें हानि पहुँचाना चाहता है तो उनके मुखों से ज्वाला फूट पड़ती है और उनके शत्रुओं को निगल जाती है। सो यदि कोई उन्हें हानि पहुँचाना चाहता है तो निश्चित रूप से उसकी इस प्रकार मृत्यु हो जाती है।