अहाब से कहो, मैं यहोवा उससे कहता हूँ, ‘अहाब! तुमने नाबोत नामक व्यक्ति को मार डाला है। अब तुम उसकी भूमि ले रहे हो। अत: मैं तुमसे कहता हूँ, तुम भी उसी स्थान पर मरोगे जिस स्थान पर नाबोत मरा। जिन कुत्तों ने नाबोत के खून को चाटा, वे ही तुम्हारा खून उस स्थान पर चाटेंगे।’”
लेकिन लोगों ने जकर्याह के विरुद्ध योजना बनाई। राजा ने जकर्याह को मार डालने का आदेश दिया, अत: उन्होंने उस पर तब तक पत्थर मारे जब तक वह मर नहीं गया। लोगों ने यह मन्दिर के आँगन में किया।
“तुम किसी को किसी बात के लिए अपराधी कहते समय बहुत सावधान रहो। किसी व्यक्ति पर झूठे दोष न लगाओ। किसी निर्दोष व्यक्ति को उस अपराध के दण्ड के द्वारा मत मरने दो जो उसने नहीं किया। कोई व्यक्ति जो निर्दोष की हत्या करे, दुष्ट है। और मैं उस दुष्ट व्यक्ति को क्षमा (माफ़) नहीं करूँगा।
किन्तु यदि तुम मुझे मार डालोगे तो एक बात निश्चित समझो। तुम एक निरपराध व्यक्ति को मारने के अपराधी होगे। तुम इस नगर और इसमें जो भी रहते हैं उन्हें भी अपराधी बनाओगे। सच में, यहोवा ने मुझे तुम्हारे पास भेजा है। जो सन्देश तुमने सुना है वह, सच में, यहोवा का है।”
यरूशलेम में, तुम लोग, लोगों को मार डालने के लिये धन लेते हो। तुम लोग ऋण देते हो और उस ऋण पर ब्याज लेते हो। तुम लोग थोड़े धन को पाने के लिये अपने पड़ोसी को ठगते हो और तुम लोग मुझे भूल गए हो।’ मेरे स्वामी यहोवा ने ये बातें कहीं।
“यरूशलेम में प्रमुख उन भेड़िये के समान हैं जो अपने पकड़े जानवर को खा रहा है। वे प्रमुख केवल सम्पन्न बनने के लिये आक्रमण करते हैं और लोगों को मार डालते हैं।
अब हे राजा! जिस कागज पर यह नियम लिखा है, तुम उस पर हस्ताक्षर कर दो। इस तरह से यह नियम कभी बदला नहीं जा सकेगा। क्योंकि मीदियों और फ़ारसियों के नियम न तो बदले जा सकते हैं और न ही मिटाए जा सकते हैं।”
क्या कोई भी ऐसा नबी था, जिसे तुम्हारे पूर्वजों ने नहीं सताया? उन्होंने तो उन्हें भी मार डाला जिन्होंने बहुत पहले से ही उस धर्मी के आने की घोषणा कर दी थी, जिसे अब तुमने धोखा देकर पकड़वा दिया और मरवा डाला।
मैंने देखा कि वह स्त्री संत जनों और उन व्यक्तियों के लहू पीने से मतवाली हुई है। जिन्होंने यीशु के प्रति अपने विश्वास की साक्षी को लिए हुए अपने प्राण त्याग दिए। उसे देखकर मैं बड़े अचरज में पड़ गया।