क्यों? क्योंकि तू यहोवा के भरोसे है। तूने परम परमेश्वर को अपना शरणस्थल बनाया है।
तू मेरा गढ़ बन। सुरक्षा के लिए ऐसा गढ़ जिसमें मैं दौड़ जाऊँ। मेरी सुरक्षा के लिए तू आदेश दे, क्योंकि तू ही तो मेरी चट्टान है; मेरा शरणस्थल है।
जब मेरे शत्रु मुझसे पलट कर मेरे विमुख होते हैं, तब परमेश्वर उनका पतन करता और वे नष्ट हो जाते हैं।
हे स्वामी, तू अनादि काल से हमारा घर (सुरक्षास्थल) रहा है।