मैं उसका पिता बनूँगा और वह मेरा पुत्र होगा। जब वह पाप करेगा, मैं उसे दण्ड देने के लिये अन्य लोगों का उपयोग करूँगा। उसे दंडित करने के लिये वे मेरे सचेतक होंगे।
किन्तु मैं उससे प्रेम करना बन्द नहीं करूँगा। मैं उस पर कृपालु बना रहूँगा। मैंने अपने प्रेम और अपनी कृपा शाऊल से हटा ली। मैंने शाऊल को हटा दिया, जब मैं तुम्हारी ओर मुड़ा। मैं तुम्हारे परिवार के साथ वही नहीं करूँगा।
तो भी मैं तुम्हारे पुत्र से सारा राज्य नहीं छीनूँगा। मैं उसे एक परिवार समूह पर शासन करने दूँगा। यह मैं दाऊद के लिये करूँगा। वह एक अच्छा सेवक था और यह मैं अपने चुने हुये नगर यरूशलेम के लिये भी करूँगा।”
और मैं दाऊद के परिवार को केवल एक परिवार समूह पर शासन करने दूँगा। मैं उन्हें केवल इस समूह को लेने दूँगा। मैं यह अपने दाऊद और यरूशलेम के लिये ऐसा करने दूँगा। यरूशलेम वह नगर है जिसे मैंने सारे इस्राएल के परिवार समूह से चुना है।
मैं सुलैमान के पुत्र को एक परिवार समूह पर शासन करते हुए रहने दूँगा। मैं इसे इसलिए करूँगा कि मेरे सेवक दाऊद का शासन यरूशलेम में मेरे सामने सदैव रहेगा। यरूशलेम वह नगर है जिसे मैंने अपना निजी नगर चुना है।
तो फिर यहाँ दो बातें हैं-उसकी प्रतिज्ञा और उसकी शपथ-जो कभी नहीं बदल सकतीं और जिनके बारे में परमेश्वर कभी झूठ नहीं कह सकता। इसलिए हम जो परमेश्वर के निकट सुरक्षा पाने को आए हैं और जो आशा उसने हमें दी है, उसे थामे हुए हैं, अत्यधिक उत्साहित हैं।