हे परमेश्वर, जो कुछ भी स्वर्ग और धरती पर जन्मी है तेरी ही है। तूने ही जगत और जगत में की हर वस्तु रची है।
आदि में परमेश्वर ने आकाश और पृथ्वी को बनाया।
इस तरह पृथ्वी, आकाश और उसकी प्रत्येक वस्तु की रचना पूरी हुई।
महानता, शक्ति, यश, विजय और प्रतिष्ठा तेरी है! क्यों? क्योंकि हर एक चीज़ धरती और आसमान की तेरी ही है! हे यहोवा! राज्य तेरा है, तू हर एक के ऊपर शासक है।
अय्यूब, तू जानता है कि यह धरती कितनी बड़ी है? यदि तू ये सब कुछ जानता है, तो तू मुझकों बता दे।
मुझ को (परमेश्वर को) किसी भी व्यक्ति कुछ नहीं देना है। सारे आकाश के नीचे जो कुछ भी है, वह सब कुछ मेरा ही है।
स्वर्ग यहोवा का है। किन्तु धरती उसने मनुष्यों को दे दिया।
मैं भूखा नहीं हूँ! यदि मैं भूखा होता, तो भी तुमसे मुझे भोजन नहीं माँगना पड़ता। मैं जगत का स्वामी हूँ और उसका भी हर वस्तु जो इस जगत में है।
यहोवा की भुजा (शक्ति) जाग—जाग। अपनी शक्ति को सज्जित कर! तू अपनी शक्ति का प्रयोग कर। तू वैसे जाग जा जैसे तू बहुत बहुत पहले जागा था। तू वही शक्ति है जिसने रहाब के छक्के छुड़ाये थे। तूने भयानक मगरमच्छ को हराया था।
क्योंकि शास्त्र कहता है: “यह धरती और इस पर जो कुछ है, सब प्रभु का है।”
किन्तु यदि कोई तुम लोगों को यह बताये, “यह देवता पर चढ़ाया गया चढ़ावा है” तो जिसने तुम्हें यह बताया है, उसके कारण और अपने अन्तर्मन के कारण उसे मत खाओ।