मुझे ऐसा लगता है, जैसे पीड़ा और यातनाएँ सदा मेरे संग रहती हैं। मैं अपनी पीड़ाओं और यातनाओं में डूबा जा रहा हूँ।
मैं लगभग मर चुका था। मेरे चारों तरफ मौत के रस्से बंध चुके थे। कब्र मुझको निगल रही थी। मैं भयभीत था और मैं चिंतित था।
तब हमारे शत्रुओं की सेनाएँ बाढ़ सी हमको बहाती हुई उस नदी के जैसी हो जाती जो हमें डूबा रहीं हो।
मैं चारों तरफ कुतों से घिर हूँ, दुष्ट जनों के उस समूह ने मुझे फँसाया है। उन्होंने मेरे मेरे हाथों और पैरों को सिंह के समान भेदा है।
जैसे सागर से लहरे उठ उठ कर आती हैं। मैं सागर तंरगों का कोलाहल करता शब्द सुनता हूँ, वैसे ही मुझको विपतियाँ बारम्बार घेरी रहीं। हे यहोवा, तेरी लहरों ने मुझको दबोच रखा है। तेरी तरंगों ने मुझको ढाप लिया है।
यहोदा के मुखिया चोर से बन गये हैं। वे किसी और व्यक्ति की धरती चुराने का जतन करते रहते हैं। इसलिये मैं (परमेश्वर) उन पर क्रोध पानी सा उंडेलूँगा।